प्रधान हत्याकांड के तीन सुपारी किल्लर गिरफ्तार, हत्या में प्रयुक्त 32 बोर का तमंचा, कारतूस व बाईक बरामद

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दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता

गंगनहर कोतवाली पुलिस ने नगला-कुबड़ा गांव के प्रधान कमरे आलम की हत्या के आरोप में तीन सुपारी शूटरों को गिरफ्तार कर घटना का पटाक्षेप कर दिया। पूछताछ में 10 लाख रुपये में प्रधान की हत्या की सुपारी मु.नगर के बदमाशों को आबिद द्वारा दी गई थी। अभी साजिश रचने के आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर हैं।
गंगनहर कोतवाली में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि 20 दिसम्बर को शाम 5ः40 बजे के करीब रामनगर कोर्ट के बाहर अज्ञात शूटरों द्वारा नगला-कुबड़ा के ग्राम प्रधान कमरे आलम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दरअसल कमरे आलम और कमेलपुर निवासी आबिद और उसके परिवार से पुरानी रंजिश चली आ रही थी। किसी मामले को लेकर आबिद और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा 2010 में प्रधान कमरे आलम के भाई मुजम्मिल की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद वर्ष 2012 में कमरे आलम ने आबिद के भाईफारूख की हत्या कर दी थी। कमरे आलम की हत्या के बाद पुलिस की जांच इसी पुरानी रंजिश से शुरू हुई। जिसमें कमेलपुर निवासी आबिद और उसके भाई आशिक की संलिप्तता सामने आई। आबिद ने मु.नगर निवासी नसीम को कमरे आलम की हत्या की सुपारी दस लाख रुपये में दी थी।
दरअसल आबिद की नसीम से मुलाकात उस समय हुई थी, जब वह मुजम्मिल हत्याकांड में जेल में बंद था। नसीम पर हत्या, डकैती समेत 30 से अधिक कई संगीन मामले उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में दर्ज हैं। वसीम ने अपने भाई नईम और सलमान को प्रधान कमरे आलम की हत्या करने के लिए भेजा था। आबिद के बहनोई मुनीर व फरहान द्वारा दोनों शूटरों को ग्राम प्रधान की पहचान करवाई गई और लम्बी रैकी के बाद नईम और सलमान ने प्रधान की हत्या की घटना को अंजाम दे डाला। इस हत्या में सलमान व नईम द्वारा दिलशाद को भी शामिल किया गया। पुलिस ने तीनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस टीम द्वारा किये गये खुलासे पर एसएसपी ने 2500 रुपये व आईजी गढवाल ने 5 हजार रुपये नगद देने की घोषणा की। शूटरों के पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त 32 बोर का तमंचा व 2 जिंदा कारतूस तथा बाईक भी बरामद कर ली। इस दौरान सीओ चन्दन सिंह बिष्ट व कोतवाल राजेश साह, एसएसआई देवराज शर्मा, दरोगा रविन्द्र कुमार, रविन्द्र डोभाल, गम्भीर सिंह तोमर, एचसीपी देवेन्द्र भारती, कपिल देव, जाकिर, रविन्द्र खत्री, सुरेश रमोला, सुरेन्द्र सिंह, पवन नेगी, अशोक, महीपाल तोमर आदि शामिल रहे।
जामिया से बी.टेक. डिग्री धारक हैं हत्याकांड का मास्टरमाइंड
नगला-कुबड़ा के ग्राम प्रधान रहे कमरे आलम की हत्या की योजना मृतक फारूख के छोटे भाई आबिद व आसिक ने मिलकर बनाई थी। सबसे अहम बात यह है कि आसिक जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली से बी.टेक. डिग्रीधारक हैं। उसने अपने बड़े भाई फारूख की हत्या से नाराज होकर प्रधान कमरे आलम की हत्या कराने का जाल बुना। जिसमें लाखों रुपये खर्च किये गये और वह अपनी चाल में पास हो गया। उसके द्वारा शूटरों को पहले रिश्तेदारों के माध्यम से पहचान कराई गई और मौका देखते ही कमरे आलम की हत्या करा दी। जबकि मृतक कमरे आलम के बड़े भाई मुजम्मिल की हत्या कर दी गई थी और इसी का बदला कमरे आलम ने लिया था।

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