करोड़ों का घोटाला भूमिगत, शहर की सुरक्षा भी खतरे मेंः डोभाल

dehradun Haridwar Latest News Roorkee social uttarakhand

हरिद्वार। अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी की भांति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी भूमिगत विद्युतीकरण की योजना में धर्मनगरी हरिद्वार भी शामिल है। भूमिगत विद्युतीकरण की इस योजना में हरिद्वार में करोड़ों का घोटाला भी भूमिगत किया जा रहा है। अनियोजित विकास वाले हरिद्वार शहर की संकरी सड़कों तथा संकरी लिंक गलियों में ड्राइंग, मानकों को धत्ता बताते हुए शहर की सुरक्षा को खतरे में डालकर बिजली की केबिल डाली जा रही है।
इसका खुलासा लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार द्वारा उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता को जून में भेजे गए पत्र से होता है। इसमें उन्होंने 8 जून को कलेक्ट्रेट में एडीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक का उल्लेख करते हुए भूमिगत विद्युतीकरण के लिए रोड कटिंग की शर्तों का उल्लेख किया है। जिसमें जिसमें कहा गया कि 33केवी 11 केवी एवं 400केवी की विद्युत लाइनों को भूमिगत एक समय में 100 मीटर रोड कटिंग कर लाइन डाली जाए और उसको ठीक करने के बाद फिर आगे 100 मीटर रोड कटिंग की जाए लेकिन इस शर्त की धज्जियां उड़ाते हुए पावर कारपोरेशन की कंपनी अपनी मनमानी से काम कर रही है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ने रोड कटिंग की अनुमति शर्त संख्या 10 में स्पष्ट किया है कि ड्राइंग तथा मानकों के अनुसार केवल एवं पाइप को भूमि के अंदर 4 से 5 फीट नीचे डाला जाए। शहर की सुरक्षा के लिए यह शर्त महत्वपूर्ण है लेकिन पूरे शहर में इसका पालन नहीं किया गया है। संकरी सड़कों व गलियों में डेढ़ से 2 फीट की गहराई में ही 33 केवी 11 केवी 400 केवी की केबिल पाइप डाला गया है।
यूपीसीएल के ठेकेदार ने अधिकारियों की सांठगांठ से न केवल 2 से 3 फीट गहराई की खुदाई का पैसा बचाया है अपितु मानकों के विपरीत डेढ़ से दो फीट पर गेल की गैस पाइपलाइन के ऊपर बिजली की केबल डाल कर शहर की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। पावर कारपोरेशन कुंभ क्षेत्र में 146 किलोमीटर भूमिगत विद्युतीकरण का कार्य करा रहा है। यूपीसीएल के राजनीतिक पहुंच वाले ठेकेदार ने सड़कों पर अपने रिंगमेन यूनिट तथा उपभोक्ताओं को कनेक्शन जोड़ने लिए जंक्शन बॉक्स सड़कों और गलियों में बिना बेस के एक-एक ईंट पर टिका दिया है। कहाकि कई स्थानों पर तो जंक्शन बॉक्स चालू होने से पहले ही टूट गए हैं। यह चर्चा है कि यूपीसीएल की भूमिगत विद्युतीकरण का कार्य करने वाले कंपनी का संबंध गुजरात और दिल्ली के सत्ता के गलियारों से है, इसलिए उसके लोग स्थानीय स्तर पर किसी की सुनते भी नहीं और उसके काम में दखल नहीं देने की भी उपर से हिदायद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *