हरिद्वार। तब्लीगी जमात के लोगों ने देश को संकट में डाल दिया है। हालत काबू में रहने के बाद एकाएक बिगड़ गए। अचानक कोरोना पीडि़तों की संख्या में खासा इजाफा हुआ। जिस कारण देश में स्थिति विकट होने लगी है। बावजूद इसके तब्लीगी जमात से जुड़े लोग और उनके समर्थक गलती मानने को तैयार नहीं है। तब्लीगी जमात से जुड़े लोग मीडिया को इसका दोष देने में जुटे हैं। गलती मानने की बजाय यह लोग तरह-तरह के कुर्तकों का सहारा लेकर स्वंय को पाक साफ बताने में तुले हुए हैं। इनके कृत्यों की सजा आज देश भुगत रहा है। तब्लीगी जमात से जुड़े लोग गलती मानने की बजाय इस कृत्य को मुस्लिमों और उनके दीन को बदनाम करने वाला बता रहे हैं। जबकि यह मामला किसी धर्म, जाति या सम्प्रदाय से जुड़ा न होकर पूरी मानवता से जुड़ा है।
सत्यता यह है कि कोरोना के मामले में धर्म को बीच में क्यों लाया जा रहा है? कोरोना न किसी की जात पूछता है और न ही धर्म। वह केवल इंसान को देखकर एक छुपे दुश्मन की भांति वार कर रहा है।
बड़ा सवाल यह है कि यदि जमात से निकले लोग अनजाने में देश में जगह-जगह चले गए तो अब सरकारों, प्रशासन, बुद्धिजीवियों की अपील के बाद भी सामने क्यों नहीं आ रहे हैं। कोई मदरसे में जा छुपा है तो कोई मस्जिद में। जबकि होना यह चाहिए था कि जो लोग जमात में शामिल हुए थे, उन्हें स्वंय आकर अपनी जांच करवानी चाहिए थी। बावजूद इसके जांच के लिए जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस कर्मियों पर इनके द्वारा हमला किया जा रहा है। इनके ऐसे कृत्यों की न तो दीन में इजाजत है और न ही मानवता के लिहाज से इन्हें सही कहा जा सकता है। कोरोना संक्रमित जमात के लोग संक्रमण फैलाने के इरादे से पुलिस, डॉक्टर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों पर थूक रहे हैं, उन्हें पत्थर मार रहे हैं, नर्सों के साथ अश्लील व्यवहार किया जा रहा है। इन सब पर इन्हें कोई शर्मिंदगी या अफसोस नहीं है। माफी मांगना तो बहुत दूर की बात है, उल्टे इनका रवैया दुश्मनों जैसा होता जा रहा है। जिन अस्पतालों व स्थानों पर इनको क्वारंटीन किया गया है। वहां भी इनकी अभद्रता रूकने का नाम नहीं ले रही है। कहीं बिरयानी और अंडे मांगे जा रहे हैं तो देहरादून में 25 रोटी और बड़े गिलास में चाय मांगी जा रही है। ऐसे में इनके द्वारा स्वंय की गलती न मानते हुए इसे दीन और धर्म को बदनाम करने की साजिश बताया जा रहा है।
कानपुर चिकित्सालय की घटना भी शर्मसार करने वाली है। जहां जमातियों के द्वारा चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। जगह-जगह थूका गया। इतना ही नहीं थूक को जगह-जगह हाथों से रब किया गया। जिससे अन्य लोग भी कोरोना के शिकार हो जाएं। इन सबको देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की यह सब सोची समझी साजिश का हिस्सा है। जिससे देश में कोरोना जैसी महामारी फैले और देश को कमजोर किया जा सके। जमातियों के इस कृत्य के कारण सरकारों द्वारा कोरोना से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों को बड़ा झटका लगा है। यह सब तब हो रहा है जब पूरी दुनिया सुपर पावर कहे जाने वाले अमेरिका के कोरोना के आगे घुटने टेक देना और भारत से मदद मांगना, इटली, स्पेन आदि कई देशों के हाल देखने को मिल रहे हैं। जमातियों के कारण देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और अगे भी उठाना पड़ सकता है। वास्तव में तब्लीग में शामिल लोग जमाती नहीं बवाली कहे जाने योग्य हैं। भगवान ऐसे लोगों को सद्बृद्धि दे और देश को इस महामारी से शीघ्र निजात दिलाए।