सार्वजनिक स्थानों पर वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए आईआईटी ने विकसित किया स्टेरिलाइजेशन सिस्टम

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उपयोग के लिए हरिद्वार नगर निगम को सौंपा गया नमूना
हरिद्वार।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की ने कोविड-19 के प्रसार को कम के उद्देश्य से आम उपयोग की वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए अनूठा स्टेरिलाइजेशन सिस्टम विकसित किया है।
इस मशीन का उपयोग आम उपयोग की वस्तुएं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (मोबाइल, घड़ी, वायरलेस गैजेट, मेटल व प्लास्टिक के सामान, पर्स, चाबी, चश्मा, बैग को सैनिटाइज करने के लिए किया जा सकता है। डिजाइन किए गए इस उत्पाद का उपयोग सरकारी और निजी दफ्तरों के अलावा हवाई अड्डों, शैक्षणिक संस्थानों, शॉपिंग मॉल और अन्य जगहों पर भी आम उपयोग की वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए किया जा सकता है। इसके उपयोग के लिए स्टेरिलाइजेशन सिस्टम का एक नमूना हरिद्वार नगर निगम को सौंपा गया है।
हरिद्वार के नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में लोग मास्क, सैनिटाइजर जैसे कई सुरक्षात्मक उपाय अपना रहे हैं, लेकिन हमने मोबाइल, वॉलेट, चाबियों, दस्तावेजों ध् फाइलों जैसे नियमित उपयोग की वस्तुओं के सेनेटाइजेशन की आवश्यकता को महसूस किया। ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालय जो हर समय खुले हैं और अधिक सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की मांग करते हैं उसके लिए यह मशीन एक वरदान की तरह है। हमने आईआईटी रुड़की से अनुरोध कर अपना विचार साझा किया था। उन्होंने तुरंत इस पर काम करना शुरू कर दिया। आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र व हरिद्वार के सहायक नगर आयुक्त तनवीर सिंह मारवाह ने हरिद्वार नगर निगम की ओर से आईआईटी रुड़की के साथ समन्वय किया।
बता दें कि मशीन में मूविंग सिस्टम वाला एक अल्ट्रा-वायलेट कक्ष है जहां से वस्तुओं को सेनेटाइज करने के लिए अंदर और बाहर ले जाया जाता है। इस स्टेरिलाइजेशन सिस्टम को अल्ट्रा-वायलेट रेडिएशन का उपयोग करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानकों और वैज्ञानिक साहित्य के अनुरूप तैयार किया गया है। सिस्टम का डिजाइन और ऑपरेशन, यूवी लाइट के उपयोग से जुड़े सभी स्वास्थ्य संबंधी खतरों का ख्याल रखता है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहाकि, इस महामारी के दौरान जो कुछ भी संभव है, आईआईटी रुड़की उसमें योगदान करने का प्रयास कर रहा है। निरंतर संचालित होने वाले इस स्टेरिलाइजेशन सिस्टम को जिस टीम ने डिजाइन किया है उसमें आईआईटी रुड़की के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग से प्रोफेसर विमल चंद्र श्रीवास्तव और उनके शोध समूह के छात्र श्री नवनीत कुमार,रोहित चौहान और डॉ. स्वाति वर्मा शामिल हैं।
मशीन को लेकर प्रोफेसर विमल चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि यह अपने आप में एक अनूठा उत्पाद है जो आम उपयोग की वस्तुओं को सेनेटाइज कर कोविड-19 के प्रसार और खतरे को काफी कम कर सकता है। इस स्टेरलाइजर की खास बात यह है कि यह वस्तुओं की नॉन-स्टॉप स्क्रीनिंग करने में सक्षम है। अभी तक बाजार में उपलब्ध यूवी स्टेरलाइजर केवल टेबल-टॉप या बैच मोड स्टेरलाइजर ही हैं।

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