हरिद्वार। विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए राम मंदिर निर्माण को लेकर विस्तार से वार्ता की। उन्होंने बताया कि आगामी 2023 तक श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्रीराम को स्थापित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। राम मंदिर निर्माण में 17 से 18 लाख क्यूबेक फीट पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। राम मंदिर का निर्माण अगले 1000 साल तक के हिसाब से तैयार किया जा रहा है।
बता दंें कि चंपत राय इन दिनों हरिद्वार के प्रवास पर हैं और वे यहां साधु-संतों से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका राम मंदिर में इतनी रही है कि उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर कोर्ट में चल रहे विवाद को लेकर बाधक नहीं बने और कानून को अपना काम करने दिया। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी भूमिका सराहनीय रही। जिस कारण से हाईकोर्ट में रखी फाइलों का अनुवाद जल्द हो सका। जिस कारण से मंदिर को लेकर फैसला जल्द आ सका।
चंपत राय ने उत्तराखंड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग किये जाने का स्वागत करते हुए कहाकि अन्य सभी दक्षिण भारत के अधिग्रहित मंदिरों को भी मुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि सरकारों का कार्य मंदिरों का संचालन करना नहीं है। मंदिर का संचालन मंदिर के भक्तों का काम है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्गत यह उसकी नीति का हिस्सा है।