डीएम की फर्जी ईमेल आईडी तैयार कर, अभ्यर्थियों को भेजे जाते थे फर्जी नियुक्ति पत्र
हरिद्वार। बेरोजगार युवाओं की भावनाओं से खेलकर लाखों का मुनाफा कमाने और फिर जिला कोर्ट, आयकर विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित कई अन्य विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर रहे सिंडिकेट से पर्दा उठाते हुए लक्सर पुलिस ने गिरोह से जुड़े 04 शातिर अभियुक्तों को दबोचने में सफलता हासिल की है।
पकड़े गए आरोपितों के संबंध में जानकारी देते हुए एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सरकारी नौकरी की बांट जोह रहे बेरोजगार युवाओं को फांसने के लिए यह गिरोह अखबारों में विज्ञप्ति निकालता था। गिरोह का बकायदा एक चैनल (कम्युनिटी हेल्थ वर्कर एवं महिला कल्याण ट्रस्ट नई दिल्ली) बनाया गया था, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में तथा उसकी शाखा लखनऊ से संचालित होती थी। तथाकथित ट्रस्ट की एक शाखा कनखल जगजीतपुर में बनाई हुई थी, जहां अभियुक्तों को विभिन्न पदों पर तैनात किया गया था।
बेरोजगार युवाओं के आवेदन मिलने पर उन्हें लखनऊ स्थित नामी होटल में इंटरव्यू और पेपर के लिए बुलाया जाता था और फिर जिला कोर्ट आदि विभागों के नाम से जारी फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपए हड़प लिए जाते थे।
बताया कि जनपद के विभिन्न थानों (रुड़की, लक्सर गंगनहर ज्वालापुर आदि) में मिली धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर संबंधित थाना कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कर उक्त गिरोह की कुंडली तैयार करने के सम्बन्ध में निर्देश देते हुए उनके द्वारा स्वयं पुलिस टीम गठित की गई थी एवं बारीकी से मॉनिटरिंग भी की जा रही थी।
जनपद में जगह-जगह चल रहे इस बड़े खेल पर फोकस करते हुए गठित पुलिस टीम ने लगातार एक्टिव रहकर सटीक सूचना के आधार पर कुल 04 अभियुक्तों को भारी मात्रा में इलैक्ट्रोनिक सामान कम्प्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, नकदी, घटना में इस्तेमाल किए जाने वाले कई मोबाइल फोन तथा अन्य दस्तावेज आदि के साथ दबोचा। चिन्हित किए गए अन्य फरार अभियुक्तों की भी तलाश की जा रही है।
बताया कि अभियुक्त खुर्शीद आलम चिश्ती पुत्र स्व. मकसूद हुसैन निवासी 438/4 गली नम्बर 01 बन्दा रोड कोतवाली रूडकी जनपद हरिद्वार द्वारा कनखल हरिद्वार में हरेराम आश्रम की बिल्डिंग में हिल्ट्रोन कम्प्यूटर सैन्टर के नाम से कम्प्यूटर सेंटर का संचालन किया जा रहा था, जहां पर मुख्य अभियुक्त अब्दुल कादिर पुत्र शहीद हसन निवासी जैतपुर थाना कोतवाली लक्सर जिला हरिद्वार, सौरभ कुमार पुत्र रेशम सिहं निवासी लोधीवाला थाना झबरेडा जिला हरिद्वार व दिनेश डोगरा पुत्र ब्रहमपाल सिंह निवासी सुल्तानपुर लक्सर जिला हरिद्वार द्वारा कम्प्यूटर कोर्स किया जा रहा था। जहां पर यह चारों एक दूसरे के संपर्क में आए।
अब्दुल कादिर द्वारा खुर्शीद आलम, सौरभ व दिनेश डोगरा एवं अपने अन्य साथी नरेन्द्र निवासी तलहडी बुजुर्ग देवबंद उ.प्र. की मुलाकात विजय श्रीवास्तव, हर्ष श्रीवास्तव (जिनका ऑफिस लखनउ उ0प्र0 में वेलंगटन चौराहे पर था) के साथ लखनऊ में करायी।
विजय श्रीवास्तव व हर्ष श्रीवास्तव द्वारा उपरोक्त अभियुक्तों के साथ मिलकर कम्यूनिटी हेल्थ महिला कल्याण ट्रस्ट की आड में ऐसे युवक व युवतियों, जिन्हे सरकारी नौकरी की तलाश रहती है व जिसके लिए बेरोजगार युवकध्युवतियां मोटे पैसे भी खर्च करने को तैयार रहते हैं, को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल शुरू किया गया। इसके लिए समाचार पत्रो में बकायदा नौकरी दिलाने के लिए विज्ञप्ति जारी की जाती थी।
खुर्शीद आलम के हिल्ट्रान कम्प्यूटर सेंटर में ही नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों, युवतियों के इन्टरव्यू लिये गये व उन्हें जिला प्रभारी, ब्लॉक प्रभारी, पंचायत मित्र, पंचायत शिक्षिका के पद पर लाखो रूपये लेकर नियुक्ति दी गयी व इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड एवं उत्तरप्रदेश में बेरोजगार युवकों व युवतियों को जिला कलेक्ट्रेट, ड्रिस्ट्रिक कोर्ट, उपभोक्ता न्यायालय, इंनकम टैक्स विभाग, ओर्डनेंस फैक्टरी देहरादून में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखो रूपये की ठगी की गयी व फर्जी नियुक्ति पत्र अभ्यर्थियों को थमाये गये।
जब अभ्यर्थियों द्वारा सम्बन्धित विभाग में जाकर नियुक्ति पत्र दिखाने पर भी नौकरी नहीं मिली और नियुक्ति पत्र फर्जी पाये गये व जब इसके सम्बन्ध में अभ्यर्थियों द्वारा गिरोह के सदस्यांे से जानकारी की गयी तो उनके द्वारा वैकेन्सी फुल होने का कारण बताकर दूसरे विभाग का फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया जाता रहा। 01-01 अभ्यर्थी को कई-कई विभागो के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किये गये। ठगी की जानकारी होने पर जब अभ्यर्थियों द्वारा गिरोह के सदस्यो पर हिल्ट्रान कम्प्यूटर सेंटर में जाकर दबाव बनाने पर गिरोह द्वारा तुरंत ही आफिस विकास कालोनी कनखल में किराये के कमरे पर शिफ्ट किया गया। लेकिन पुनः अभ्यर्थियों का दबाव बढ़ने पर उक्त आफिस बंद कर मुख्य अभियुक्त अब्दुल कादिर ने जैतपुर लक्सर स्थित अपने घर से गिरोह का संचालन शुरु कर दिया।
पकडे गये अभियुक्तों द्वारा बेरोजगार युवओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रत्येक पद के रेट तय किये गये थे। चपरासी के पद के लिए 05 लाख रुपये व क्लर्क के लिए 08 लाख रुपये व कार्यालय सहायक के लिए 10 लाख रूपये तय की गयी थी रकम।
सम्पर्क में आए कई युवकों को ओर्डनेस फैक्टरी में नौकरी का नियुक्ति पत्र जारी कर, कोई शक न रहे इसलिए बकायदा गिरोह के सदस्यों द्वारा ट्रेनर बनाकर कई दिनो तक ओडनेंस फेक्ट्री के बाहर ही ग्रुप डी की ट्रेनिंग भी करायी गई।
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियो ंके खिलाफ कई मुकद्में दर्ज हैं। फरार आरोपितों के नाम विजय श्रीवास्तव निवासी लखनऊ, हर्ष श्रीवास्तव निवासी लखनऊ, रिजवान पुत्र शहीद हसन निवासी जैतपुर लक्सर, हरिद्वार व सारिका बानो पत्नी अब्दुल कादिर निवासी जैतपुर लक्सर बताए गए हैं। आरांेपितों के पास से फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, भारी मात्रा में अभ्यर्थियों की शैक्षिक अंकतालिकायें, एक दर्जन से अधिक चैक बुक, पास बुक, नकदी 60 हजार, मोबाईल फोन 06, कम्प्यूटर व प्रिंटर आदि बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर उनका चालान कर दिया है।