अखाड़ा परिषद ने सरकार के निर्णय पर सरकार को दिया साधुवाद
हरिद्वार में कुंभ से पहले राज्य सरकार ने संतों की भू-समाधि को लेकर हरिद्वार में भूमि आवंटित किए जाने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड सरकार महाकुंभ की तैयारियों में जुटी है और साधु समाज से भी कुंभ से जुड़े तमाम कार्यों को लेकर सुझाव ले रही हैं। इस बीच राज्य सरकार ने साधु समाज को जल समाधि की जगह भू समाधि दिए जाने के लिए भूमि देने की मंजूरी दी है।
बता दें कि संतों द्वारा शरीर त्यागने के बाद उनके शरीर को गंगा में प्रभावित किया जाता रहा है। ऐसे में महाकुंभ से पहले राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सरकार संतों के शरीर को गंगा में प्रवाहित करने के बजाय उन्हें भू-समाधि दिए जाने के लिए हरिद्वार में भूमि आवंटित करेगी। राज्य सरकार ने इस फैसले को लेने से पहले साधु समाज से भी इस पर बातचीत की है जिसके बाद साधु समाज की तरफ से स्वीकृति दिए जाने के बाद अब संतों को हरिद्वार में भू समाधि दी जाएगी।
सरकार के इस निर्णय के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहाकि अखाड़ा परिषद गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जल समाधि की प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा को समाप्त करने के लिए वर्ष 1984 से भू समाधि के लिण् भूमि आबंटन करने की मांग कर रहा था। कहाकि गंगा जी भारत का प्राण है और संत समाज गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कृत संकल्प है। कहाकि सरकार ने समाधि के लिए भूमि आबंटन करने का जो निर्णय लिया है उसके लिए वह साधुवाद की पात्र है। उन्होंने कहाकि सरकार के जमीन आबंटन के निर्णय का अखाड़ा परिषद स्वंय व समस्त साधु समाज की ओर से सरकार को साधुवाद करती है कि उन्होंने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया। प्रदेश सरकार के बाद अब अन्य राज्यों की सरकारें भी इस पर विचार करेंगी।