हरिद्वार। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस लौटे जिला पंचायत उपाध्यक्ष राव आफक अली ने गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि 6 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया तेलंगाना विकास व अपने नागरिकों को जनसुविधाएं उपलब्ध कराने में उत्तराखण्ड से कहीं अधिक आगे है। उत्तराखण्ड सरकार को तेलंगाना के विकास मॉडल का अध्ययन कर राज्य के विकास की नीतियां बनानी चाहिए।
राव आफाक अली ने कहा कि उत्तराखण्ड पंचायत राज विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिला पंचायत अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद भेजा गया था। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें तेलंगाना की विकास गतिविधियों को समझने का मौका मिला। 6 वर्ष पूर्व अलग राज्य बनने के बाद तेलंगाना ने तेजी से विकास किया है। अलग राज्य बनने के बाद विकास को गति देने के लिए प्रदेश के जिलों का विस्तार कर 9 के स्थान पर 33 जिले बनाए गए हैं। तेलंगाना में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, प्रति एकड़ 10 हजार रुपए सालाना मानदेय, 5 लाख तक का मुफ्त बीमा। प्रति परिवार 180 रुपए में खाद्यान्न किट, जिसमें गेंहू, चावल, तेल, दाल व नमक उपलब्ध कराया जाता है। सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी पर नकद भुगतान के अलावा 8 रुपए कीमत के कपड़े खिलौने आदि दिए जाते हैं। बीपीएल परिवार की कन्या की शादी के लिए 75 हजार रूपए, मनरेगा में 251 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिन का रोजगार दिया जाता है। 3016 रुपए विकलांग पेंशन, 2016 रूपए वृद्धा व विधवा पेंशन दी जाती है। वृद्धा पेंशन के लिए अर्हता आयु 58 वर्ष रखी गयी है। एकल महिला को प्रतिमाह के अलावा 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुनकरों व मजदूरों को पेंशन दी जाती है। इसके अलावा वहां जिला पंचायत अध्यक्षों व सदस्यों को मानदेय के अलावा पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। राव आफाक अली ने कहा कि देश के अधिकांश राज्यों में जिला योजना समिति की बैठकों की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष करते हैं। जबकि उत्तराखण्ड में प्रभारी मंत्री अध्यक्षता करते हैं। विकास के मामले में 20 वर्ष पूर्व अलग राज्य बना उत्तराखण्ड बेहद पीछे है। प्रैसवार्ता के दौरान जिला पंचायत सदस्य रोशनलाल, कांग्रेस सेवादल के प्रदेश सचिव राव फरमान अली एडवोकेट, बहादराबाद ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि प्रियव्रत, रानीपुर विधानसभा यूथ कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी साजिद अब्बासी, राव यासिर अली आदि भी मौजूद रहे।