दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता
नगर निगम रुड़की में हुये राजकीय धन के दुरूपयोग सम्बन्धी अनियमित्तता से नाराज पार्षदों ने शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड को लिखित शिकायत करते हुए कहा कि नगर निगम द्वारा जनहित में लगाये जाने वाले वित्त बजट को निगम अधिकारियों द्वारा निजी हित में प्रयोग किया गया हैं, जो राजकीय वित्त का दुरूपयोग हैं। साथ ही निगम में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराना आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि विद्युत सामग्री कॉपर वायर 200 बंडल, 32 एम्पियर के 70 कॉन्ट्रेक्टर, विद्युत सेंसर 370 नग, 40 वाट के 200 एलईडी बल्ब बोर्ड गठन से पूर्व एक माह के अन्तर्गत खरीदे गये एवं तत्काल ऑनलाईन भुगतान भी किया गया। जबकि उक्त चारों सामग्रियों के लिए मिसेलेनियस निविदा प्रक्रिया अपनाई जानी थी, जो 10 लाख की लागत का कार्य था। बल्कि निगम अधिकारियों द्वारा 2.5-2.5 लाख के चार टुकड़ों में करके अवैध रुप से खरीदा गया ताकि प्रशासक के संज्ञान में लाना पड़े। यह सब कार्य पथ प्रकाश प्रभारी के चिकित्सा अवकाश के दौरान बड़ी तीव्रता से अपने भाई एवं मित्र की फर्म पांडे इलेक्ट्रिकल हरिद्वार से टुकड़ों में क्रय किये गये। तीन ट्रैक्टर जॉन डियर कम्पनी के जैम्प पॉर्टल से लगभग 14 लाख रुपये की लागत से क्रय किये गये, जबकि 25 लाख रुपये से उपर किसी भी प्रकार की क्रय अनुमति अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के अनुसार प्रशासक/जिलाधिकारी हरिद्वार से लेनी अनिवार्य थी। जो नहीं ली गई और पूर्व निरस्तीकरण के उपरांत पत्रावली न ही किसी तकनीकी अधिकारी से सुझाव लिया गया। यह क्रय प्रक्रिया मात्र अपने फायदे में कनिष्ठ लिपिक राजीव भटनागर, सहायक नगर आयुक्त चन्द्रकांत भट्ट द्वारा उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर तीव्रता से बोर्ड गठन से पूर्व की गई। इसके अलावा नगर निगम रुड़की द्वारा डस्टबिन क्रय चार गुनी दरों पर किये गये, जो तीव्रता के साथ बोर्ड गठन से पूर्व किये गये हैं, जिनकी दरें तथा क्वालिटी की जांच होना नितांत आवश्यक हैं। पार्षद धीरजपाल, अंकित चौधरी व राजेश देवी ने शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड से उक्त विषय में तत्परता से जांच कराने और राजकीय धन का दुरूपयोग करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस सम्बन्ध में पार्षदों ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, महापौर गौरव गोयल व निदेशक शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड शासन को भी अवगत कराया है। बहरहाल कुछ भी हो, जिस प्रकार से पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों की कमी को पकड़ा हैं, वास्तव में इस पर ईमानदारी से जांच हुई तो, उक्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होना निश्चित हैं। वहीं पार्षदों द्वारा की गई इस शिकायत की शहर के लोगों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की और इसे जनहित का एक अच्छा कदम बताया।
वहीं इस सम्बन्ध में पार्षद धीरजपाल ने बताया कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कनिष्ठ लिपिक राजीव भटनागर व सहायक नगर आयुक्त चन्द्रकांत भट्ट रुड़की के विरूद्ध साम्रगी क्रय करने में हुई अनियमितताओं को लेकर आवश्यक कार्यवाही करने हेतू सचिव शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड शासन को निर्देशित कर दिया हैं। अब लगता है कि उक्त अधिकारियों पर गाज गिरना तय हैं। इस मामले को लेकर शहर में लोग चटकारे लेकर निगम की कारस्तानी को बयां कर रहे हैं। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारी कोई भी हो, उसे किये का फल जरूर मिलेगा।