दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता
हमेशा चर्चाओं में रहने वाला चकबंदी विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार का मामला इंसानियत के रोंगटे खड़े कर देने वाला है। वास्तव में पैसा ओर लालच बुरी चीज होती है लेकिन इन्हीं चीजों के वशीकरण होकर आदमी इंसानियत भी भूल बैठता है। ऐसा ही कुछ तहसील परिसर स्थित चकबंदी के विभागीय कार्यालय के बाहर भी देखने को मिला।
दरअसल मामला एक बुजुर्ग की जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसमें उसका आवास भी बना है, लेकिन चकबंदी विभाग ने उसकी आवास सहित जमीन का चक साज खाकर दूसरे व्यक्ति के नाम कर दिया। जिसके बाद से ही किसान परेशान है और उसने चकबंदी अधिकारी दीवान सिंह नेगी के कार्यालय के बाहर धरना भी शुरू कर दिया। भोगपुर निवासी किसान लक्ष्मण (90) का आरोप है कि भोगपुर में उसकी एक बीघा जमीन है। इसी जमीन में उसका आवास भी बना हुआ है। आरोप है कि चकबंदी के अधिकारियों ने साज खाकर उनकी आवास सहित एक बीघा जमीन को दूसरे व्यक्ति के नाम चढ़ा दिया। जब इस प्रकरण की जानकारी बुजुर्ग को लगी, तो वह इस मामले में चकबंदी अधिकारियों से मिलने रुड़की स्थित पुरानी तहसील पहुँचा, जहां अधिकारियों ने पीड़ित किसान की समस्या का कोई समाधान नही किया बल्कि उसे तरह-तरह के रास्ते बता दिये। थक-हारकर पीड़ित किसान चकबंदी अधिकारी दीवान सिंह नेगी के कार्यालय के बाहर अपनी पत्नी के साथ धरने पर बैठ गया। मामले की जानकारी जब भाकियू के किसान नेताओं को लगी, तो वह तहसील में पहुंचे और पीड़ित किसान को लेकर चकबंदी अधिकारी दीवान सिंह नेगी से मिले और उन्हें खूब खरी-खरी सुनाई। बाद में चकबंदी अधिकारी के आश्वासन के बाद पीड़ित किसान ने अपनी पत्नी के साथ धरना समाप्त कर दिया। किसान नेताओ का कहना है कि हरचंदपुर गांव निवासी सतेंद्र जो भोगपुर में अपनी ससुराल में रह रहा है, जिसकी नजर पीड़ित किसान की जमीन पर थी, उसने चकबंदी अधिकारियों के साथ साज कर किसान की जमीन, जिसमें आवास भी बना हुआ है, का चक अपने नाम करा लिया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने पीड़ित किसान को न्याय दिलाने की बात कही है, यदि ऐसा नही हुआ, तो किसान नेता पीड़ित किसान के साथ खड़े है और इसके लिए वह प्रदर्शन करने से भी नही हटेंगे।