चिन्हित दुकानों से ही मिल रही हैं महंगे दामों की पुस्तकें
हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सेठी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मेल किया है। जिसमें मांग की गई कि आपदाकाल में एनसीईआरटी की जगह बिक रही महंगे दामांे की प्राइवेट पुस्तकों पर रोक लगाई जानी अभिवावकहित में जरूरी है। सुनील सेठी ने पत्र में बताया कि आज पुस्तकों की दुकानें खुलने पर कुछ निजी स्कूलों की पुस्तकों की सूची में एनसीईआरटी की जगह महंगे दामों की प्राइवेट पुस्तकांे की सूची अभिवावकों को प्राप्त हुई। जिस कोर्स की कीमत एनसीईआरटी के कोर्स से चार गुना महंगा है। जो एक ही चिन्हित दुकान से मिल रही हैं। कहाकि इस समय पहले से आर्थिक स्थिति से जूझ रहे आम आदमी को पुस्तकों की खरीदारी पर कुछ छूट के साथ राहत मिलनी चाहिये थी। पब्लिक स्कूलों को नो प्रॉफिट न लॉस पर पुस्तकंे अभिवावकों को मुहैया करवाने के लिए आगे आना चाहिए था। लेकिन इसके विपरीत महंगे दामांे की पुस्तकें लगाकर चार गुना पैसा वसूलने की तैयारी करना निंदनीय है। सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र चौरसिया ने मांग की जिलाधिकारी को ऐसी मनमानी को बंद करवा कर एनसीईआरटी की पुस्तकों की बिक्री पुस्तक विक्रेताओ के यहां सुनिशित करवाया जाना जरूरी है। चिन्हित विक्रेताओं की जगह पुस्तकंे सभी दुकानदारों के यहां उपलब्ध करवाया जाना आवाश्यक है। उन्होंने जिला प्रसाशन से अपील कि कर वो तुरतं इस पर ठोस कार्यवाही करें। पुस्तक विक्रेताओं के यहां पहुंचकर स्कूलों की लिस्ट चैक करें। महंगे दामो की अनावश्यक पुस्तकंो की बिक्री पर रोक लगावाते हुए सरकारी आदेशांे का उल्लंघन कर रहे निजी स्कूलों पर भी कार्यवाही सुनिशित करें।