हरिद्वार। दण्डी स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि धर्म केवल एक ही है। वह है सनातन धर्म। शेष सभी मत या पंथ हैं। सर्वधर्म सम्मलेनों का आयोजन करना गलत है। जो इस तरह के आयोजन करते हैं उन्हें धर्म के संबंध में जानकारी ही नहीं है। बुधवार को कनखल स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानदं सरस्वती महाराज के आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने यह बात कही।
स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि सर्वधर्म सम्मेलनों जैसे आयोजन कर तथाकथित धर्म के ठेकेदार सनातन धर्म को धोखा देने का कार्य कर रहे हैं। सर्वधर्म जैसे सम्मेलन करने वालों को धर्म की परिभाषा तक का ज्ञान नहीं है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वह केवल प्रसिद्धि पाने और धन कमाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि सनातन धर्म के अतिरिक्त अन्य किसी को धर्म का पद नहीं दिया जा सकता। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहाकि भले ही सविधान में कई धर्मों की बात कही गयी है, किन्तु संविधान समय-समय पर बदलता रहता है और धर्म अपरिवर्तनीय है। ऐसे में यदि देश को बदलना है तो संविधान को बदलना होगा और ऐसा होता आया है। किन्तु जो धर्म सनातन काल से चला आ रहा है वह आज भी उसी रूप में है। स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि धर्म और देश को बचाना हमारा कर्तव्य है। प्राण देकर भी धर्म और देश की रक्षा की जाएगी। इस प्रकार से जो सर्वधर्म के नाम पर आयोजन किए जाते हैं उनका वे विरोध करेंगे।