रुड़की/संवाददाता
पंजाबी सभा द्वारा हरमिलाप भवन में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिलाओं ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर करवाचौथ व्रत की परंपरा निभाई। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का भी पूर्ण रूप से पालन किया गया। सभी महिलाओं ने सामाजिक दूरी बनाकर पूजा-अर्चना कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को करवाचौथ की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर करवाचौथ व्रत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए समाजसेविका पूजा नंदा ने कहा कि करवाचौथ का व्रत पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा निर्जल रहकर रखा जाता है ओर विधि पूर्वक पूजन कर कथा का आयोजन किया जाता है, बाद में सभी सुहागिन महिलाएं चाँद के उदय होने के बाद पति को छलनी में देखकर महिलाएं अपना व्रत खोलती है। उन्होंने कहा कि करवाचौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के विशेष पर्व है, जिसे सभी महिलाएं हर्षोल्लास के साथ मनाती है। वहीं इस बार कुछ महिलाओं का पहला व्रत रहा, तो कुछ महिलाओ के 25 वर्ष पूर्ण होने पर उन्होंने सिल्वर जुबली के रुप में करवाचौथ का त्यौहार मनाया। इस अवसर पर पूजा नंदा, नीरू वडेहरा, राजकुमारी, नीलम, आशु देवी, पूनम, मीरा, स्वेता, मोनिका, ज्योति गुलाटी, किरण आहूजा, अलका, ऊषा, सुकृति, शक्ति, सुनीता, गार्गी, अजिता, सीमा, कृष्णा गुलाटी, हेमा, सोनिका, नीलू, बिंदिया, मानसी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।