रुड़की/संवाददाता
वार्ड-25 रामनगर से पार्षद पंकज सतीजा वार्ड की समस्याओं को लेकर लगातार गंभीर रहते आये है। उनके द्वारा वार्डवासियों की समस्याओं को नगर निगम के अधिकारियों के साथ ही अन्य अधिकारियों से निस्तारण कराया जाता है। इसी क्रम में वह विगत दिवस वार्ड से संबंधित कुछ समस्याओं की शिकायतें लेकर मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा के कार्यालय में पहुंचे। इस दौरान उनके कार्यालय में अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। जब पार्षद पंकज सतीजा ने अपनी शिकायतें मुख्य नगर आयुक्त की टेबल पर रखी, तो नगर आयुक्त शिकायतें देखकर बौखला गई और छूटते ही बोल दिया कि “आपकी शिकायतें तो किसी ग्रंथ से कम नही हैं”? पहले तो पार्षद ने इस बात को मजाक में ले लिया, लेकिन जब उन्होंने दोबारा बोला तो, उन्होंने इस बात को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और नगर आयुक्त से कहा कि आप उनके शिकायती पत्रों को किस आधार पर “ग्रंथ” का दर्जा देकर उनका उपहास उड़ा रहे हैं? इस पर आयुक्त चुप्पी साध गई। नगर आयुक्त द्वारा पार्षद के शिकायत पत्रों को ग्रंथ बताने को लेकर पार्षद ने डीएम हरिद्वार, जेएम रुड़की से शिकायत की, साथ ही आयुक्त को पत्र लिखकर जवाब मांगा। साथ ही कहा कि अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों का इस तरह से उपहास उड़ाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी जब जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का मजाक उड़ायेंगे, तो आखिर उनसे आम जनमानस की समस्याओं के निराकरण की क्या आशा जताई जा सकती है? शिकायत पत्रों को धार्मिक ग्रंथ बताकर आयुक्त ने अपनी तुच्छ मानसिकता का परिचय दिया है। जो एक जिम्मेदारी अधिकारी को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि वास्तव में मुख्य नगर आयुक्त को अनुशासन और जनता से व्यवहार किस तरह किया जाता है? इसके लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है।