धनु राशि में लगेगा ग्रहण, छह ग्रह होंगे एक ही स्थान में
हरिद्वार। इस वर्ष 26 दिसम्बर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास होगा। यूं भी सूर्य व चन्द्र ग्रहण वैज्ञानिक और ज्योतिष की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं। सूर्य या चन्द्र ग्रहण वैज्ञानिकों की दृष्टि से आम खगोलीय घटना होती है। जबकि ज्योतिष शास्त्र में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण भविष्य की घटनाओं की ओर संकेत करते हैं तथा जीवन को भी प्रभावित करते हैं। इस बार ग्रहण भारत में दिखाई देगा और सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी की तरह नजर आएगा। इसे वैज्ञानिकों की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने जा रहा है। ज्योतिषयों के मुताबिक इस बार पड़ने वाला सूर्य ग्रहण कई मायनों में अहम होगा और यह देश में काफी उथल-पुथल मचाने वाला साबित होगा।
26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण धनु राशि में होगा। सूर्य ग्रहण के दिन धनु राशि में छह ग्रह विराजमान होंगे। छह ग्रहों का एक राशि में विराजमान होना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक विशेष घटना है। और ऐसा लम्बे समय के अंतराल के बाद होता है।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से लगेगा और ग्रहण खत्म होने पर समाप्त होगा। बताया कि आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा। सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू कर देगा। इसके बाद सुबह 9. 26 तक पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा। कुल मिलाकर 3.12 मिनट का यह सूर्य ग्रहण होगा।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक इस बार सूर्य ग्रहण पर पांच ग्रह राहु और केतु के प्रभव में होंगे। इतना ही नहीं सूर्य और चंद्रमा भी इस समय राहु व केतु के साथ युति में होंगे। जिसकी वजह से शुभ और अशुभ फल का विशेष प्रभाव पड़ेगा।
बताया कि धनु राशि का देवता बृहस्पति है। जो इस वर्ष महामंत्री भी है। इसलिए देश के महत्वपूर्ण व्यक्तियों, मंत्रियों और राज कार्यों से जुड़े लोगों पर सूर्य ग्रहण का कुप्रभाव पड़ेगा।
यापारियों और चिकित्सकों पर भी इस सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव पड़ेगा। भारत की अर्थव्यवस्था पर भी सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव पड़ेगा। बताया कि सूर्य ग्रहण के प्रभाव के चलते देश में महंगाई में भी इजाफा होगा। इसके अलावा कई क्षेत्रों में सूखे की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
श्री शास्त्री के मुताबिक धनु राशि में पांच ग्रहों के प्रभावित होने पर सैन्य बल का अधिक प्रयोग किया जा सकता है। यदि भारत की कुंडली पर विचार किया जाए तो उसकी नाम राशि धनु है जो लग्न कुंडली के हिसाब से अष्टम भाव में है। इस कारण कई स्थानों पर लोगों में भय का वातावरण भी व्याप्त रहेगा। देश की सीमाओं के लिए भी सूर्य ग्रहण का प्रभाव बुरा साबित हो सकता है। श्री शास्त्री के मुताबिक बाढ़, आंधी और आग लगने जैसी घटनाएं भी सूर्य ग्रहण के प्रभाव से हो सकती हैं।