रुड़की/संवाददाता
हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी के रोजा-ए-मुबारक पर मन्नतें लेकर आने वाले अकीदतमंदो की आस्था देखते ही बनती है। चारो और रूहानियत का फैज, दरबार में मुश्क की खुशबु और अजीमुशान करामातें हर कोई इस खुशनुमा माहौल में रंगकर उस मुकाम को हासिल कर लेता है, जिसकी उसको चाह होती है।
20 मार्च को हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक की दरगाह शरीफ़ को कोविड-19 के चलते बंद किया गया था। जिसे सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक़ करीब चार माह बाद खोले जाने का आदेश जारी किया गया था। जिसके बाद तमाम व्यवस्थाएं पूर्ण कर शुक्रवार को करीब 3 बजे दरगाह शरीफ़ को आमजन के लिए गाइडलाइन के मुताबिक़ खोला गया। दरगाह शरीफ खुलने पर अकीदतमंदों में खुशी की लहर है और खिराज-ए-अक़ीदत पेश करने के लिए भारी उत्साह है। दरगाह शरीफ के मुख्यद्वारों पर सेनिटाइजर मशीन लगाई गई है, साथ ही कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो व्यवस्थाएं बनाने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी कर्मचारियों को लगाया गया है। 24 शर्तो के मुताबिक़ दरगाह शरीफ खोले जाने के आदेश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और दरगाह प्रशासन ने व्यवस्थाओं का जायज़ा भी लिया है। रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल के नेतृत्व में दरबार शरीफ़ के कपाट खोले गए, करीब 3 दिन पूर्व उत्तराखंड वक्फबोर्ड के द्वारा 24 शर्तो का आदेश जारी किया गया था। जिसे पूर्ण करने के बाद दरगाह साबिर पाक, दरगाह इमाम साहब, दरगाह किलकिली साहब को खोले जाने का हवाला दिया गया था, तभी से दरगाह प्रशासन और जिला प्रशासन व्यवस्थाएं बनाने में लगा था। दरगाह साबिर पाक खोले जाने के बाद सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज साबरी और रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने दरबार में हाज़री पेश की। इस दौरान अक़ीदत के फूल और चादर पेश कर मुल्क में अमनो अमान की दुआएं भी की गई। इस दौरान नायब सज्जादा नशीन शाह अली ऐजाज साबरी, दरग़ाह प्रबंधक परवेज आलम, वक्फ निरीक्षक एम अली, बाबर खान, शादाब कुरैशी, शफीक साबरी, गुलशाद सिद्दीकी, शाह गाजी, शाह राजी, मुनव्वर अली साबरी,दरगाह का समस्त स्टाफ आदि मौजूद रहे।