हरिद्वार। हाई कोर्ट नैनीताल द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच के आदेश पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहाकि मुख्यमंत्री पर कोई भी भ्रष्टाचार का मामला सिद्ध नहीं कर सकता। उन्होंने कहाकि हाईकोर्ट के फैसले का वह सम्मान करते हैं। जो भी न्यायिक प्रक्रिया होगी उसका सामना किया जाएगा। भाजपा हाईकोर्ट के इस फैसले के खिनाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत हरिद्वार भाजपा के मंडल प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करने पहुंचे थे। इस दौरान बंशीधर भगत ने कहाकि हाईकोर्ट ने जो भी फैसला दिया है। उसका वह सम्मान करते हैं, किन्तु मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार का मामला साबित नहीं होगा।
विदित हो कि बीते रोज हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केस दर्ज कर करप्शन के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने यह आदेश पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं।
बता दें कि देहरादून निवासी सेवानिवृत्त प्रो हरेंद्र सिंह रावत ने 31 जुलाई 2016 को देहरादून थाने में पत्रकार उमेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, बदनाम करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें कहा गया था कि उमेश शर्मा के द्वारा उनके खिलाफ सोशल मीडिया में खबर चलाई थी कि हरेंद्र और उनकी पत्नी सविता के द्वारा नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चैहान के खाते में पैसे जमा करवाए और यह पैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने की बात कही गई थी। तहरीर में शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी पत्नी मुख्यमंत्री की पत्नी की बहन नहीं हैं। जो भी तथ्य बताए गए हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं। उमेश शर्मा द्वारा उनके बैंक के कागजात गलत तरीके से बनवाए हैं और उनके द्वारा उनके बैंक खातों की सूचना गैरकानूनी तरीके से प्राप्त की है। मामला सामने आने के बाद इस पूरे प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा उमेश शर्मा समेत अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह, गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री इस फैसले के बाद विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।