प्रदेश सरकार पर लगाया किसान विरोध होने का आरोप, मांग इस्तीफा
हरिद्वार। किसानों के साथ किए गए चुनावी वायदे केन्द्र सरकार द्वारा पूरे ने किए जाने के विरोध में राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) 18 मार्च को संसद का घेराव करेगी। जिसमें देश भर के किसान शामिल होेंगे।
उक्त संबंध में मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने क हाकि केन्द्र सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों को लेकर जो वायदे किए थे वह आज तक उन्हें पूरा नहीं कर पायी है। उन्होंने कहाकि सरकार को अपने वायदे के मुताबिक देश के सभी किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए। साथ ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सरकार लागू करे। उन्होंने कहाकि उत्तराखण्ड ऊर्जा प्रदेश है। जब दिल्ली जैसे शहर में 200 यूनिट तक बिजली किसानों और गरीबों को मुफ्त दी जा रही है, तो राज्य सरकार को उत्तराखण्ड में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देनी चाहिए। कहाकि 300 यूनिट के अतिरिक्त बिजली 50 पैसे प्रति दर े हिसाब से लिया जाना चाहिए। कहाकि जब तक यह व्यवस्था सरकार लागू नहीं करती है तब तक यदि किसानों के यहां कोई बिजली कर्मचारी भुगतान को लेकर बिजली काटने के लिए आता है तो उसका वे स्वंय इलाज करेंगे। उन्होंने कहाकि प्रदेश सरकार गरीब व किसान विरोधी है। प्रदेश सरकार न तो गन्ना मुल्य बढ़ा पायी और न ही अब तक किसानों को उनके गन्ना बकाए का भुगतान हो पाया। कहाकि प्रदेश सरकार चीनी मिल नहीं चला पा रही है, जबकि मिल मालिक सरकार को चला रहे हैं। ऐसे में सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहाकि सम्मान निधि के नाम पर केन्द्र सरकार किसानों को अपमान कर रही है। सरकार को सम्मान निधि की राशि 2 लाख रुपये प्रतिवर्ष करनी चाहिए।
प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश प्रभारी महंत त्रिकालदर्शी, अनुज सैनी, विवेक, अभिषेक शर्मा, ओमप्रकाश, अश्विनी कुमार, आशीष कुमार, पुष्पेन्द्र, दीपू, तनुज व सुमित आदि मौजूद थे।