रुड़की। किसान कागमार मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चौ. सुभाष नंबरदार ने 14 मांगों को लेकर एक ज्ञापन एनएचआरसी के नेशनल कन्वीनर डॉ. आनंद वर्द्धन शर्मा को सौंपा। ज्ञापन में उन्होनंे लिखा कि किसान की मूल समस्या, उसे फसल का लाभकारी मूल्य न मिलना हैं। जिसके कारण किसान लगातार कर्ज के तले दब रहा हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार किसान हित के लिए तीनों काले कानूनों को वापस करें। किसान की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण हो और मूल्य से कम कीमत पर संज्ञेय अपराध घोषित किया जाये। गन्ने का मूल्य घोषित करें। साथ ही कहा कि कच्चा तेल अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में सस्ता हैं, जबकि किसानों को महंगी दरों पर दिया जा रहा हैं। रसायनिक उर्वरकों की कीमत घटाई जाये। सभी किसानों के कृषि सम्बन्धी ऋण समाप्त हो। बिजली की दरें आधी की जाये, कृषि यंत्रों पर जीएसटी समाप्त की जाये। युवा महिला बेरोजगारों को रोजगार दिया जाये, किसान और कामगार मजदूरों का 3 लाख तक का लोन माफ हो। आवारा पशु व नील गाय किसानों की फसलों को नष्ट करते हैं। सरकारी गौशाला कागजों पर चल रही हैं। उन्हें बनवाया जाये। सरकार ग्रामीणों के दुग्ध उत्पादों पर खरीद सुनिश्चित करें। साथ ही कहा कि इकबालपुर मिल पर दो वर्ष का गन्ने का भुगतान बकाया हैं, जिसे जल्द दिलाया जाये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा आई, इस ओर सरकार ध्यान दें। जितने लोगों की मृत्यु हुई एवं घायलों को जान-माल का जितना नुकसान हुआ हैं, उसकी भरपाई करें। जिस पर नेशनल कन्वीनर डॉ. आनंद वर्द्धन ने चौ. सुभाष नंबरदार को अश्वासन दिया कि वह उनके ज्ञापन को कोर्ट तक लें जायेंगे और किसानों के हक-हकूक की लड़ाई लड़ेंगे।