रुड़की/संवाददाता
रुड़की से सुनहरा-माधोपुर जाने वाले रास्ते पर कई उद्योग लगे हुये हैं, जिनका प्रदूषित पानी रास्ते के साथ ही खेतों में पहुंचकर फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा हैं। इस सम्बन्ध में समाजसेवी लोगों द्वारा रुड़की में तैनात प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण अधिकारी राजेन्द्र कठैत से फोटो दिखाकर शिकायत की, जिसे महीनों बीत गये, लेकिन आज तक भी पीसीबी अधिकारी ने मौके पर जाना गंवारा नहीं समझा। ऐसा लगता है कि वह उद्योग स्वामियों से मिले हुये हैं और इसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। समाजसेवी लोगों ने बताया कि सड़क पर तालाब की तरह कैमिकल युक्त पानी भरा हुआ हैं, जिससे गुजरना लोगों के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ हैं। यहां राहगीर नाक पर पकड़ा रखकर पानी में गोते लगाकर गुजरते हैं? इसे उन्हें चर्मरोग, श्वास आदि बीमारी होने का खतरा पैदा हो गया हैं। सरकार द्वारा पीसीबी अधिकारी राजेन्द्र कठैत को इसलिए तैनात किया गया, कि वह पर्यावरण को संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण कर सके। लेकिन उक्त पीसीबी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभा रहे हैं और स्टाफ कम होने का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे में उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहा हैं? कि आखिर ऐसे कौन से कारण हैं, जो उन्हें इन कम्पनियों पर कार्रवाई करने के लिए रोक लेते हैं? यही कारण है कि उनकी मिलीभगत के चलते कम्पनी प्रबन्धन के हौंसले बुलंद हैं।