हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना आनंद भैरव अखाड़ा द्वारा उत्तराखण्ड के समस्त तीर्थांे तथा चारों धाम की यात्रा के लिए निकाली जानी वाली प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा मंगलवार को प्रातः गंगा माता की पूजा अर्चना के लिए हरकी पैड़ी स्थित ब्रहमकुण्ड पहुंची। जहां श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ तथा सभा के पदाधिकारियों के सानिध्य में आयोजित समारोह में जिलाधिकारी सी रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैंन्थिल अबुदई कृष्णराज एस, उपजिलाधिकारी गोपाल सिंह चैहान, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ पूर्णिमा गर्ग, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत स्वामी हरिगिरि, जूना अखाड़े के राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि, सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, निरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत किशनपुरी, निर्मल अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव शास्त्री, अटल अखाड़े के श्रीमहंत बलराम भारती आदि ने पवित्र छड़ी का विधिवत पूजन अर्चन कर मां गंगा से यात्रा की सफलता की कामना की। पवित्र छड़ी को मां गंगा में स्नान कराकर विश्व को कोरोना महामारी से मुक्त दिलाने के लिए प्रार्थना की गयी।
यहां से पवित्र छड़ी नगर भ्रमण करती हुई श्री दक्षेश्वर महादेव मन्दिर कनखल पहुंची। जहां विद्वान पुरोहितों ने छड़ी का अभिषेक किया तथा आशुतोष भगवान दक्षेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर यात्रा की सफलता के लिए दक्षेश्वर महादेव का आर्शीवाद प्राप्त किया। इस अवसर पर कोठारी लालभारती, कारोबारी महंत महादेवानन्द, थानापति नीलकंठ गिरि, रणधीर गिरि, विवेक पुरी, परमानन्द गिरि, राजेन्द्र गिरि, महंत पुष्करराज गिरि आदि उपस्थित थे। श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि अब प्राचीन पवित्र छड़ी 17 सितम्बर को विधिवत उत्तराखण्ड यात्रा पर रवाना हो जाएगी। पूरे उत्तराखण्ड तथा समस्त तीर्थों व चारों धाम की यात्रा के पश्चात 12 अक्टूबर को वापस मायादेवी मन्दिर हरिद्वार पहंुचेगी। उन्होंने कहाकि इस पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखण्ड में उपेक्षित हो रहे पौराणिक तीर्थांे ंका जीर्णोद्वार व विकास करना है, ताकि जहां जनमानस में इनको पुनः स्थापित किया जा सके। वहीं स्थानीय नागरिकों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके। उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी समस्या पलायन को रोकने के लिए इस छड़ी यात्रा के माध्यम से शासन, प्रशासन तथा स्थानीय युवकंो को जोड़ा जायेगा।