एक आश्रम से एक करोड़ की धनराशि का ड्राफ्ट लेने की फुर्सत नहीं मिली
हरिद्वार। हरिद्वार के कई मठ मंदिर और अखाड़े और आश्रम कोरोना वायरस के खौफ के चलते पीडि़तों की मदद के लिए आगे आए हैं। वही उत्तराखंड के कुछ भाजपा नेता राजनीति में लगे हैं
हरिद्वार के एक प्रतिष्ठित आश्रम के संचालक ने 23 मार्च को उत्तराखंड सरकार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता कोरोना वायरस से उपजे संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार को देने का ऐलान किया था। इस आश्रम के संचालक ने एक करोड़ का ड्राफ्ट 23 मार्च से बनाकर रखा हुआ है और हरिद्वार प्रशासन को इसकी सूचना भी दे दी गई थी, परंतु एक नेता और राज्य सरकार में मंत्री ने हरिद्वार प्रशासन के आला अधिकारियों को एक उनका ड्राफ्ट आश्रम से लाने के लिए यह कहकर मना कर दिया था कि वे खुद इस ड्राफ्ट को आश्रम से लेकर आएंगे। जिस कारण यह आर्थिक सहायता पहुंचने में राज्य सरकार को 4 दिन की देरी हो गई। इसके लिए भाजपा का यह नेता ही जिम्मेदार है क्योंकि इस आश्रम के संचालक से यह नेता ड्राफ्ट लाकर केंद्र और राज्य सरकार में अपना रौब मारना चाहता है
जहां पूरा देश इस समय कोरोना वायरस के खौफ से पीडि़त है वहीं भाजपा के उत्तराखंड के कुछ नेताओं को राजनीति करने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संजय पालीवाल ने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय संकट के समय भाजपा के नेता ओछी राजनीति करने से बाज आएं और राजनीति से ऊपर उठकर मानवता के लिए काम करें। वहीं दूसरी और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि इस संकट की घड़ी में विपक्ष राज्य सरकार के साथ खड़ा है और राज्य सरकार को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। यदि राज्य सरकार का कोई मंत्री है सिर दर्द करता है तो वह निंदनीय है।
सूत्रों के मुताबिक जब यह बात राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास पहुंची तो उन्होंने पहले दो हरिद्वार के आला अधिकारियों को फटकार लगाई उसके बाद राजनीति करने वाले मंत्री को फटकारा और उन्हें एक प्रतिष्ठित आश्रम से एक करोड़ की धनराशि का ड्राफ्ट तुरंत लाने के निर्देश दिए। जिससे इस मंत्री और हरिद्वार के जिला प्रशासन की खासी फजीहत हो रही है। हरिद्वार जिला प्रशासन की इस फजीहत के लिए मंत्री को दोषी माना जा रहा है।