हरिद्वार। डीपीएस दौलतपुर का वार्षिकोत्सव ‘प्रवाह’ 2019’ धूमधाम से मनाया गया। दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ सोमवार को दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद राॅकर्स बैंड की धुन ने सबको थिरकने पर मजबूर कर दिया। कक्षा तीन के छात्रों ने हनुमान वंदना प्रस्तुत कर माहौल भक्तिमय बना दिया। कक्षा दसवीं की हितांशी ने वार्षिकोत्सव के शीर्षक ‘प्रवाह’ पर संक्षित प्रकाश डालते हुए उसे निरंतरता का प्रतीक बताया। इस दौरान कक्षा तीसरी के छात्रों द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन को समर्पित नाटिका ‘आशाएँ’ प्रस्तुत गई। कक्षा आठवीं, नवीं और दसवीं के छात्रों ने बरसाने की झलक नृत्य के जरिए राधा-कृष्ण के प्रेम को प्रदर्शित किया। कक्षा प्रेप के नन्हें-मुन्नों ने ‘कलर्स और इंडिया’ नाटिका के जरिए एकता का संदेश दिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल एससीएस बिष्ट ने कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने जीवन में अनुशासन को महत्वपूर्ण बताया। इसके बाद शिक्षा-बोध या बोझ लघु नाटिका के जरिए शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य को बताया गया। नाटिका में बताया गया कि बिना माता-पिता के सहयोग के शिक्षा मात्र बोझ बनकर रह जाती है। अभिभावकों के सहयोग से यह सरल और बोधगम्य बन जाती है। बच्चों द्वारा प्रस्तुत यूवी लाइट नृत्य में जीवन को उत्साहपूर्वक जीने की प्रेरणा दी गई। संस्कार-परिवार का आधार नाटिका में वर्तमान में गिरने जीवन मूल्यों पर चिंता व्यक्त की गई। नाटिका में संस्कार के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। इसके बाद विद्यालय के छात्रों ने राॅकर्स बैंड के जरिए शानदार प्रस्तुति दी। कक्षा दूसरी के बच्चों द्वारा प्रस्तुत ‘चैंपियंस ट्राॅफी’ जीवन में संघर्ष करते रहने की ओर इशारा कर रही थी। इसके बाद समूह गान गान प्रस्तुत किया गया। वर्तमान में विज्ञापन के लुभावने प्रभाव में आते उपभोक्ताओं की आकांक्षा को ‘विज्ञापन की दुनिया’ नृत्य नाटिका के जरिए प्रस्तुत किया गया।
प्रधानाचार्य पूनम श्रीवास्तव ने विद्यालय की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रधानचार्या ने अभिभावकों से बच्चों को अनुशासित बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया। संचालन प्रियंका शर्मा तथा संदीप राठी ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रो. वाइस चेयरमैन विकास गोयल, लवी गोयल, अजय जैन, शालू जैन, पीयूष जैन, नीरू जैन समेत सैकड़ों अभिभावक मौजूद थे।