रुड़की/संवाददाता
वैसे तो साल 2020 सभी लोगों के लिए कष्टदायक रहा, लेकिन इससे भी ज्यादा कष्ट रुड़की व आसपास के क्षेत्र में नकली दवाई के व्यापार में अपने पैर जमा चुके दवाई माफियाओं के लिए रहा, जिन पर लगातार ड्रग विभाग की चाबुक चली।
जहाँ एक और कोरोना महामारी ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया और लोगों के सामने जीवन यापन का संकट आन खड़ा हुआ, इसी के चलते मार्च में सरकार को लॉकडाउन करना पड़ा था। लेकिन ऐसे में भी नकली दवाई माफियाओं की आँख नहीं खुली ओर उन्होंने लगातार आमजन के जीवन से खिलवाड़ करते हुए नकली दवाइयों का व्यापार जारी रखा। जिनके नेटवर्क को तोड़ते हुए हरिद्वार ग्रामीण के ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा ने अपनी सूझबूझ और सक्रियता से नकली दवाई माफियाओं का सफाया किया और सालों से क्षेत्र में पनप रहे नशे के कारोबार को बंद कराने में अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल स्टोर और कंपनियों पर भी कार्रवाई कर नकली दवाई बनाने वाले माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे भिजवाया। डीआई मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि वर्ष 2020 में उनके द्वारा सैकड़ों छापेमारी की गई, जिसमें उनके द्वारा पांच मुकदमे भी कराए गए हैं और 14 लोगों को न्यायालय के समक्ष पेश कराकर जेल भिजवाने का काम किया गया। उन्होंने बताया कि लगभग आधा दर्जन कंपनियों का प्रोडक्शन उनके द्वारा बंद करा दिया गया है, इनमें कुछ कंपनियां ऐसी भी थी, जो बिना किसी साइज के माल बना रही थी और नकली माल बनाने के अवैध धंधों में संलिप्त थी। साथ ही उनके द्वारा ऐसी कंपनियों, जिनके लाइसेंस रद्द हो चुके थे और उनका प्रोडक्शन फिर भी चल रहा था, करीब आधा दर्जन कंपनियों का प्रोडक्शन बंद करा दिया गया। वही मेडिकल स्टोर स्वामियों की लगातार आ रही शिकायतों पर भी उनके द्वारा छापेमारी कर करीब 3 दर्जन से अधिक मेडिकलों की सेल-परचेज बंद कराई गई। डीआई की छापेमारी को देखते हुए नकली दवाई बनाने वाले माफियाओं ने अपना रास्ता ही बदल दिया है। जिस तरह से ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा ने क्षेत्र में नकली दवाइयों और नशे का कारोबार करने वाले लोगों पर नकेल कसी है, इससे क्षेत्रीय लोगों में खुशी व्याप्त है और क्षेत्रीय गणमान्य लोगों व जनप्रतिनिधियों ने डीआई राणा के कार्यों की प्रशंसा की। मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि नकली दवाई बनाने वाले माफियाओं को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।