गुरुकुल नारसन समिति में हुई भर्ती में घोटाले को लेकर डायरेक्टरों व छात्रों ने किया प्रदर्शन

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रुड़की। बहुउद्देश्यीय किसान सेवा सहकारी समिति गुरूकुल नारसन में डायरेक्टर पद पर आसीन रहे पदाधिकारियों एवं लिखित परीक्षा देकर रिश्वत न देने के कारण बाहर हुये छात्रों द्वारा मिलकर समिति कार्यालय पर सचिव होश में आओ के नारे लगाते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। उपाध्यक्ष विष्णु, पवन सिंह, अमन सिंह व अध्यक्ष/सभापति कृष्णपाल ने कहा कि रंजिश के चलते उनके अधिकार सीज कर दिये गये थे, जो कानूनन गलत हैं। साथ ही कहा कि बिना सभापति व उपाध्यक्ष के समिति का कार्य किस आधार पर संचालित किया जा रहा हैं। यह जांच का विषय हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाया? कि समिति के अहम दस्तावेज समिति में न रखकर उन्हें सचिव द्वारा अपने घर पर रखे गये हैं ताकि वह इस रिकॉर्ड में मनमर्जी तब्दीली कर सके। साथ ही यह भी बताया कि बृहस्पतिवार को एक बोर्ड की फर्जी बैठक अपने आवास पर दिखाई गई। जिसमें अवैध रुप से कई एजेण्डे पास किये गये। साथ ही सचिव पर यह भी आरोप लगाया कि उन्हें निष्कासन का पत्र नहीं दिया गया बल्कि स्वतंत्रता दिवस व दीपावली पर्व की शुभकामनाओं का पत्र जरूर भेजा गया, जो उनके द्वारा जिलाधिकारी को भी दिखाया गया, इसके बावजूद भी सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि वर्ष 2016 में कुछ पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी हुई थी, इसमें 250 बच्चों ने फार्म भरकर 200 रुपये का बैंक ड्राफ्ट लगाया था। अज्ञात कारणों के चलते इस प्रक्रिया पर रोक लग गई। ड्राफ्ट की वह रकम समिति के खाते में जमा हैं। उस ड्राफ्ट की रकम को वापस करना चाहिए था, लेकिन नहीं की गई। अब फर्जी तरीके से समिति में 6 कर्मचारी बतौर संविदा पर रखे गये, जिनकी कोई लिखित परीक्षा भी नहीं हुई और न ही नियुक्तियों से सम्बन्धित किसी समाचार-पत्र में निविदा प्रकाशन कराई गई। अर्थात् नियुक्ति के लिए कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। साथ ही आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से इन कर्मचारियों को बिना कार्य किये ही ढाई साल का वेतन दे दिया गया, जो समिति के खाते से निकाला गया हैं। बल्कि जो नियमित कर्मचारी हैं, उनका पांच माह से वेतन नहीं दिया गया। इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों एवं सचिव ने करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया हैं और किसानों की समिति को मोटा नुकसान पहंुचाया। इस सम्बन्ध में छात्रों ने जिलाधिकारी के साथ ही सहकारिता मंत्री से शिकायत कर भ्रष्ट अधिकारियों की एसआईटी व अन्य एजेंसियों से जांच कराकर कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की। इनका आरोप यह भी है कि इस सम्बन्ध में उप-निबन्धक व विभाग के उच्च अधिकारियों को कई-कई बार शिकायतें की गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा और इन मामलों में भ्रष्टाचार की बू नजर आ रही हैं। साथ ही कहा कि अगर सही जांच नहीं हुई, तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे।
बहरहाल कुछ भी हो, जिस प्रकार से समिति सचिव व अन्य अधिकारियों पर छात्रों व सभापति- उप-सभापति द्वारा इस प्रकार के गम्भीर आरोप लगाये गये हैं, जिनमें सच्चाई की बू नजर आती हैं। एक ओर भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहीं हैं, वहीं इस प्रकार के विभागों में बैठे भ्रष्ट अधिकारी सरकार की उपलब्धियों को पलीता लगाने में लगे हुये हैं। अगर इन पर जल्द शिकंजा नहीं कसा गया, तो आने वाला समय भाजपा के लिए मुश्किलों भरा होगा। वहीं समिति के एआर मान सिंह सैनी ने इस प्रकरण को लेकर बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं हैं ओर समिति संचालकों का एक मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। साथ ही कहा कि यदि उन्हें इस प्रकार की कोई शिकायत मिलेंगी, तो वह निष्पक्ष जांच करेंगे। जबकि सचिव मानसी ने बताया कि वह अभी बाहर हैं।

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