हरिद्वार। जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने मुख्य चिकित्साधिकारी हरिद्वार को निजी क्षेत्र के गैर कोविड-19 चिकित्सालयों में कोविड रोगी पाये जाने की दशा में उत्तराखण्ड शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
निजी चिकित्सालयों में गैर कोविड रोगियों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। भर्ती किये गये रोगी की जांच में यदि रोगी कोविड-19 पॉजीटिव पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में रोगी को अधिकृत सरकारी चिकित्सालयों में भर्ती करना पड़ता है, जिससे रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि निजि चिकित्सालय आईसीएमआर भारत सरकार की कुछ गाइडलाइन का पालन करते हैं तो वह चिकित्सालय कोविड रोगी के उपचार के लिए अधिकृत होंगे।
गाइड लाइन अुनसार उक्त के दृष्टिगत ऐसे निजी चिकित्सालयों द्वारा को-मोर्बिड रोगी की कोविड-19 रोगी की जांच आईसीएमआर की गाइडलाइन के आधार पर की जाएगी। नैदानिक स्थापना अधिनियम-2010 के निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पंजीकरण होना चाहिए। कोविड-19 रोगियों को रखने के लिए एक अलग वार्ड, ब्लॉक हो जिसमें प्रवेश तथा निकासी द्वार अलग हों। कहाकि आपातकालीन सुविधाएं जिसमें 24 घंटे चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हो एवं विशेषज्ञ चिकित्सक की ऑन कॉल सुविधा होनी चाहिए। आईसीयू, फार्मेसी की सुविधा चौबीसों घंटे होनी चाहिए। आइसोलेशन वार्ड में प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होनी चाहिए। बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के प्राविधानों का पालन चिकित्सालय द्वारा किया जाना व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राधिकार प्राप्त होना आवश्यक है। समस्त मेडिकल व पैरामेडिकल स्टॉफ कोविड-19 से बचाव के लिए आईपीसी प्रोटोकॉल एवं वेस्ट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित होना चाहिए। चिकित्सालय में कोविड-19 से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंशिंग के साथ उपयुक्त लॉजिस्टिक पीपीई किट, एन-95, त्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क, फैस शील्ड, सैनिटाइजर आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने चाहिए साथ ही समर्पित कोविड-19 एम्बुलेंस की सुविधा भी होनी चाहिए।
डीएम ने कहाकि भर्ती रोगियों को कोविड-19 जाँच की पुन: आवश्यकता पडऩे पर आईसीएमआर द्वारा कोविड-19 जांच के लिए अधिकृत निजी पैथोलॉजी लैब को सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर जांच करायी जा सकेगी। कोविड-19 संक्रमित का उपचार भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही किया जाएगा तथा संक्रमित समस्त रोगियों की सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नोडल, जिला सर्विलांश अधिकारी को सही समय में उपलब्ध करानी होगी।