महंत डोंगर गिरि हुए ब्रह्मलीन, दी भू समाधि

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अखाड़े के लिए सदैव बने रहेंगे प्रेरणास्त्रोतः रविन्द्र पुरी
हरिद्वार।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के ब्रह्मलीन महन्त डोंगर गिरि महाराज के आकस्मिक निधन पर उन्हें श्रद्धाजंली व्यक्त कर भू समाधि दी गई।
ब्रह्मलीन महन्त डोंगर को अखाड़ा परिवार व महाविद्यालय परिवार ने भावभीनी पुष्पाजंली अर्पित कर ब्रह्मलीन संत की आत्मा की शान्ति हेतु दो मिनट का मौन रखा गया।
ब्रह्मलीन महन्त डोंगर गिरि महाराज को श्रद्धाजंली अर्पित करते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पूज्य महन्त डोंगर गिरि महाराज एक सच्चे संत थे। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। उन्होंने अपना जीवन अखाड़े व काॅलेज के लिए सर्वस्व समर्पित किया। वे सन्तों के लिए सदैव प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। उनका आकस्मिक निधन पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी व संत समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। हम महान दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और अपनी गहरी संवेदनायें व्यक्त करते हैं।
ब्रह्मलीन महन्त डोंगर गिरि जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए एसएमजेएन पी.जी. काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील बत्रा ने कहा कि महन्त डोंगर गिरि जी महाराज जनपद के सबसे प्राचीन महाविद्यालय की प्रबंध समिति में एक सम्मानित सदस्य रहे एवं उनका समय समय पर दिशानिर्देश कालेज परिवार को मिलता रहता था। काॅलेज में कुछ समय पूर्व ही शौर्य दीवार का भव्य निर्माण करवाया था।
इस अवसर पर श्रीमहन्त लखन गिरि, राम रतन गिरि, नरेश गिरि, मनीष भारती, महन्त राधे गिरि, राज पुरी, राकेश गिरि, बलबीर पुरी, रघुबन, आशुतोष पुरी, पूर्णानंद गिरि, भगवान गिरि, उदय भारती, गंगा गिरि, रवि पुरी, डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, मोहन चन्द्र पाण्डेय, कैलाश जोशी आदि सहित काॅलेज के अनेक शिक्षक व कर्मचारियों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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