हरिद्वार। विश्व स्वास्थ्य संगठन में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या को योग विशेषज्ञ मनोनीत किया है। डॉ. चिन्मय पण्ड्या डब्ल्यूएचओ द्वारा तैयार किये जा रहे मोबाइल हेल्थ एप्लीकेशन के लिये योग से संबंधित उच्चस्तरीय सलाह, योग की रूपरेखा के संबंध में मार्गदर्शन करेंगे। इन दिनों मोबाइल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के पैमाने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों को समर्थन करता है तथा एम योग एप्लीकेशन में वीएचवीएम को एक पहल के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह नॉन काम्युनिकेबल विकृतियों को दूर करने में सहायक होगा। योग के क्षेत्र में एम योग, एम हेल्थ एक नया अवसर है। योग के सामान्य नियम, प्रोटोकॉल, योग विद्या आदि को स्मार्ट फोन के माध्यम से जाना जा सकेगा। यह तकनीकी रूप से स्वास्थ्य को प्रचारित करने, स्वस्थता को जागरूकता प्रदान करने, स्वास्थ्य के नियम जानने, काउन्सिलिंग इत्यादि में यह एप्लीकेशन बहुत लाभदायक सिद्ध होगी।
आयुष मंत्रालय के निर्देशन में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीटयूट आफ योग एवं नेचुरोपैथी, नई दिल्ली एम योग एप्लीकेशन को विकसित करेगा। जहां देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या योग विशेषज्ञ के रूप में मार्गदर्शन देंगे। डॉ चिन्मय भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) एवं आयुष की सलाहकार परिषद के सदस्य भी हैं। इसके अतिरिक्त वे नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) की पाठ्यक्रम पुनर्गठन समिति का हिस्सा है एवं वे दुनिया भर के पांच संस्थागत प्रतिनिधियों में से एक है, जो ग्लोबल कोवेनेंट ऑफ रिलिजन (जीसीआर) के निदेशक हैं। उन्होंने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के मुद्दे पर यूनेस्को की अंतर-सरकारी बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है और भारतीय विकास फाउंडेशन (आईडीएफ) के ट्रस्टी बोर्ड के रूप में भी कार्य करते है। डॉ. चिन्मय विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित टेम्पलटन पुरस्कार समिति के न्यायाधीशों में से एक हैं, यह उपलब्धि पाने वाले भारत के प्रथम व्यक्ति हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन में योग विशेषज्ञ के रूप में मनोनीत होने पर देसंविवि व अखिल विश्व गायत्री परिवार गौरवान्वित है।