हरिद्वार। डॉ. लाल पैथोलॉजी में एक्सपायरी इंजेक्शन इस्तेमाल करने का गंभीर मामला सामने आया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब हरिद्वार शंकर आश्रम के पास स्थित लाल पैथोलॉजी लैब में हरिद्वार निवासी राकेश वर्मा अपने बेटे ईशान वर्मा का टीबी का टेस्ट कराने पहुंचे। लैब कर्मचारी जब टेस्ट के लिए इंजेक्शन लगा रहा था तब शंकर ने देखा कि इंजेक्शन 6 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका है। जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया।
मामले को लेकर पीड़ित ईशान वर्मा का कहना है कि वह शंकर आश्रम स्थित डॉ. लाल पैथोलॉजी में टेस्ट कराने गए थे। रजिस्ट्रेशन कराने के 10 मिनट बाद उन्हें इंजेक्शन लगाने के लिए बुलाया गया। जैसे ही वह इंजेक्शन उन्हें लगाने लगे तो उनके पापा ने इंजेक्शन के रैपर में एक्सपायरी डेट देख ली और इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया। इसका वीडियो भी बना दिया। उनका कहना है कि लैब द्वारा लापरवाही बरती गई है। इससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता था। इसलिए प्रशासन को इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। डॉ. लाल पैथोलॉजी द्वारा एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने का मामला गंभीर है। लोगों का कहना है कि एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने से जान का भी खतरा हो सकता था। हालांकि, शंकर की सजगता की वजह से पीड़ित को इंजेक्शन नहीं लग सका। नहीं तो कोई अनहोनी भी हो सकती थी।