स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती सहित संतों ने अपर मेलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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पूर्व में हुए कुम्भ की भांति व्यवस्था कराये जाने की मांग
हरिद्वार।
तीर्थनगरी हरिद्वार में कुम्भ मेला 2021 को लेकर संत समाज की गतिविधियाॅं प्रारम्भ हो गयी है। शुक्रवार को श्रीकाशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती महाराज तथा अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी प्रबन्धन समिति मछली बंदर मठ काशी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम ने अपने प्रतिनिधिमण्डल के साथ अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह ने भेंट की।
स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती तथा परिषद के अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम ने मेला प्रशासन द्वारा कुम्भ मेला प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों तथा साधु-संतों के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले भूखण्ड व अन्य व्यवस्थाओं के सन्दर्भ में चर्चा की। स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती महाराज ने अपर मेलाधिकारी को पंतद्वीप में शिविर स्थापित किये जाने के लिए 2500 वर्ग फुट भू-खंड तथा उस पर टीन शेड व अन्य मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराए जाने हेतु एक ज्ञापन दिया। उन्होने बताया 2010 के कुम्भ पर्व सहित सभी अन्य कुम्भ मेलों में उन्हंे मेला प्रशासन द्वारा उपरोक्त सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती रही हंै। अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी प्रबंधन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम ने भी कुंभ मेला 2021 के मेला क्षेत्र में दण्डी स्वामी नगर के लिए आवश्यकतानुसार भूमि उपलब्ध कराए जाने के लिए ज्ञापन दिया। अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने प्रतिनिधि मण्डल को भूखंड तथा अन्य सुविधाएं सम्बन्धी व्यवस्था कराए जाने के संबंध में कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमण्डल में महंत ब्रजभूषण दास, महंत अखडानंद तीर्थ, महंत श्रव्यादिव आश्रम आदि शामिल थे। स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती तथा दण्डी स्वामी प्रबंधन समिति केे राष्ट्रय अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से भी जूना अखाड़े में भेंट की तथा शंकराचार्य नगर, दण्डी स्वामी नगर के लिए मेला प्रशासन द्वारा भू-खंड उपलब्ध कराए जाने व अन्य सुविधाओं व व्यवस्था कराए जाने के संदर्भ में विचार-विमर्श किया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा अखाड़ो तथा शंकराचार्यांे, महामण्डलेश्वरों व अन्य धार्मिक संस्थाओं को पूर्व में जो सुविधाएं मेला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाता रहा है, पूर्व की भांति ही सुनिश्चित करायी जायेगी। अखाड़ा परिषद इस सन्दर्भ में मेला प्रशासन से लगातार सम्पर्क में है और आवश्यक कार्यवाही कर रहा है।

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