भंवर में शिक्षा माफिया मुनीश सैनी की “चुनावी डगर”, मतदाताओं के कानों तक भी गूंज गई भ्रष्टाचार की आवाज

big braking Haridwar Latest News political Politics Roorkee social uttarakhand

कलियर। ( बबलू सैनी )
कलियर से भाजपा प्रत्याशी मुनीश सैनी को भाजपा हाईकमान द्वारा चुनाव मैदान में उतारा तो गया, लेकिन उनके टिकट के साथ ही उनकी ईमानदारी के चर्चे भी खूब चर्चित हो रहे हैं और उनकी ईमानदारी का इतना बखान हो रहा हैं कि यह गूंज मतदाताओं के कानों तक भी पहुंचने लगी हैं। उनकी इसी ईमानदारी की चर्चाएं में से एक यह भी है कि मुनीश सैनी जिस इमानदारी के ढोल बजाकर चुनाव मैदान में जनसंपर्क कर वोट मांग रहे हैं। वह दरअसल एक बहुत बड़ा ढकोसला है। क्योंकि मुनीश सैनी का इतिहास एक भ्रष्टाचारी (आपराधिक) व्यक्ति के रूप में रहा है। मुनीश सैनी ऐसे व्यक्ति (भ्रष्टाचारी) है, जिसने भ्रष्टाचार करने में शिक्षा के क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा, उसमें भी मुनीश सैनी ने भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाया। दिलचस्प बात यह हैं कि भाजपा ने ऐसे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा, जिस व्यक्ति ने शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाकर एक शिक्षा माफिया के रूप में पहचान बनाई है। हालांकि देश में शिक्षा लाभरहित (नॉन प्रॉफिटेबल एसेट) है ताकि शिक्षा प्रत्येक बच्चे तक पहुंचे और वह शिक्षित होकर इस देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें, लेकिन मुनीश सैनी जैसे भ्रष्ट और शिक्षा माफिया ऐसे अभियान को खोखला कर रहे हैं, जिसका उन्हें जरा भी अहसास नहीं है। लेकिन इसमें कोई हैरत की बात नही है कि भाजपा में भ्रष्टाचारी और दुष्कर्म जैसे कृत्य करने वाले आरोपी को टिकट दिया जाता है ओर वह उनकी शरण में जाकर पाक साफ हो जाते हैं। यही पार्टियां ऐसे लोगों को टिकट देकर विधानसभा में उतारती है और प्रचार भी करती है।
दूसरा बड़ा मामला यह है कि मुनीश सैनी का जितना भी ग्रुप है, उसमें छोटा-मोटा गोलमाल नहीं बल्कि करोड़ों के गोलमाल वाले लोग शामिल है, जो अपनी इन उपलब्धियों के कारण हवालात भी जा चुके है। इनमें पहला नाम अमित सैनी (भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष) का है, जो अभी हाल ही में हत्या कराने के मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में जेल गए हुए हैं। उनके कारनामें भी जनता से छिपे नहीं है। वहीं दूसरा हाल ही में मंगलौर कोतवाली द्वारा गिरफ्तार किए गए आस्था नॉलेज पॉइंट के डायरेक्टर अमित सैनी जिन पर लगभग करीब 50 करोड रुपए के लेन-देन का आरोप था, जिसमें पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था। जो मामला अभी विचाराधीन है या नहीं, इनकी पुष्टि जारी है, बाद में वह भी मुनीश सैनी के प्रचार में जुट गये। इसके अलावा मुनीश सैनी की टीम में काम करने वाले ऐसे कई लोग काफी चर्चाओं में चल रहे है, जिन पर भ्रष्टाचार के हजारों या लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में आरोप लगे हुए हैं और यह सिर्फ आरोपी नहीं बल्कि पुलिस कार्रवाई तक भी हो चुकी है। वहीं भाजपा द्वारा ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिया गया, जिसकी इतनी उपलब्धियां हैं कि जनता उन्हें ईमानदार समझ कर अब कैसे वोट दें, यह सोचनीय प्रश्न है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *