रुड़की/संवाददाता
रुड़की शहर व आसपास के क्षेत्रों में एचआरडीए से बिना नक्शा पास कराएं कांपलेक्स, भवन व दुकानों का अवैध तरीके से निर्माण चल रहा है। लेकिन हैरत की बात यह है कि इन निर्माणाधीन भवनों, कॉम्प्लेक्स व दुकानों पर एचआरडीए की कार्रवाई नाममात्र तक ही सीमित है।
ऐसे ही कई मामले सिविल लाइन क्षेत्र, जादूगर रोड, रामनगर क्षेत्र व अन्य जगह के सामने आए है, जहां खुलेआम एचआरडीए से बिना नक्शा पास हुए ऐसे भवन और कॉम्पलेक्सो का निर्माण हो रहा है। लेकिन एचआरडीए विभाग इस ओर से बेखबर नजर आ रहा है। इन निर्माणाधीन कार्यों की शिकायत कई बार एचआरडीए के अधिकारियों से की गई, लेकिन उन्होंने इस ओर कोई संज्ञान नहीं लिया। विभागीय कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ कागजों की खानापूर्ति तक ही सीमित है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस उद्देश्य के लिए राज्य और शहरों को मॉडर्न बनाने के लिए एचआरडीए विभाग का गठन किया गया। आज उसी विभाग से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। कई शिकायतें ऐसी भी आई कि एचआरडीए विभाग में नक्सा पास कराने की एवज में मोटी रकम की डिमांड की जाती है, हालांकि अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नही की। इस संबंध में एचआरडीए की संयुक्त सचिव नमामि बंसल से पूछा गया तो उन्होंने इन अवैध निर्माणाधीन भवनों पर कार्रवाई करने की बात कहीं।