हरिद्वार। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना का असर महाकुंभ में भी साफ देखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण का प्रभाव अधिक होने के चलते सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने कुंभ समाप्ति की घोषणा की। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी से शेष स्नान प्रतीकात्मक रूप से किये जाने की अपील की गई। जिसके बाद अब जूना अखाड़े ने भी कुंभ समाप्ति की बीते रोज घोषणा कर दी।
कुंभ समाप्ति के बाद अखाड़े की छावनी में लगे संतों के टैंट अब उखड़ने लगे हैं। विदित हो कि जूना अखाड़े ने अपने सभी देवी-देवताओं का विसर्जन कर सभी साधु-संतों को अपने-अपने गंतव्य की ओर जाने को कह दिया था। जूना अखाड़े की छावनी से सभी साधु-संत अपने-अपने गंतव्य को जाने लगे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए सबसे निरंजनी अखाड़े ने अपने अखाड़े की तरफ से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद जूना अखाड़े में भी कुंभ समाप्ति का निर्णय ले लिया। रविवार सुबह से ही जूना अखाड़े के साधु-संतों ने समान बांधना शुरू कर दिया था। जिसके बाद आधे से भी ज्यादा संत अपने गंतव्य की ओर निकल गए हैं। शिविर खाली दिखने शुरू हो गए हैं।