हरिद्वार। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहाकि कोविड महामारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति बेहाल हो गई है। लिहाजा सरकार को व्यापारियों को रियायतें देनी चाहिए।
किशोर उपाध्याय ने सरकार से मांग की है कि बिजली-पानी का बिल और नगर निकायों की ओर से लगने वाले हाउस टैक्स को भी माफ किया जाना चाहिए। इसके साथ ही निजी स्कूलों में फीस के मुद्दे पर उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार और निजी स्कूलों को साथ मिलकर फीस के लिए व्यवस्था बनानी चाहिए। इसमें अभिभावक 10 फीसदी फीस का भुगतान करंे और बाकी फीस सरकार और निजी स्कूल संचालक वहन करें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के व्यवसायीकरण के चलते गरीब अपने बच्चों को आॅनलाईन शिक्षा भी दिला नहीं पा रहे हैं। निजी स्कूलों की फीस माफी के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार व स्कूलों को मिलकर काम करना होगा। फीस माफी के लिए आधी मदद सरकार उपलब्ध कराए और बाकी आधा खर्च स्कूल वहन करे। जिससे अभिभावकों को राहत मिल सके। कोरोना के चलते खराब हुए आर्थिक हालातों को देखते हुए गरीब व मध्यम वर्ग परिवारों को सरकार 10 हजार रूपए महीना दे। पुश्तैनी हक हकुक बहाल किए जाने के लिए चलाए जा रहे वनाधिकार आंदोलन के संबंध में किशोर उपाध्याय ने कहा कि इसके लिए राज्य आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन चलाए जाने की जरूरत है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार राज्य के लोगों के पुश्तैनी हक हकुक बहाल करे। उत्तराखण्ड के छात्रों को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। जंगली पशुओं द्वारा मारे जाने पर पर्याप्त मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। पत्रकारवार्ता के दौरान तेलूराम प्रधान, रविश भटीजा, ओपी चैहान, अंशुल श्रीकुंज, अंजु द्विवेदी, विभाष मिश्रा, रवि बहादुर, शाहनवाज कुरैशी, विशाल राठौर, सुमित तिवारी आदि सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।