रुड़की/संवाददाता
कन्याकुमारी से 7 हजार किलोमीटर तक का सफर तय करके रुड़की पहुंची ‘कुम्भ संदेश यात्रा’ के आयोजकों द्वारा बीटी गंज स्थित जैन धर्मशाला में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसमंे इस कुम्भ सन्देश यात्रा के उदेश्य पर प्रकाश डाला गया।
एक्सक्यूटिव चेयरमैन मनकेना श्रीनिवास रेड्डी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण भारत के पवित्र तीर्थ स्थानों और देवालयों और तीनों कुम्भ स्थानों से होकर कुम्भ संदेश यात्रा आज अपने अंतिम पड़ाव में रुड़की पहुंची। कन्याकुमारी से हरिद्वार तक 40 दिनों में 7 हजार किलोमीटर का सफर तय करने वाली यह कुम्भ सन्देश यात्रा रथ और गाड़ियों से चलते हुए 24 मार्च को दिल्ली पहुंची थी, जिसके बाद पैदल चलते हुए आज यह यात्रा रुड़की पहुंची। इस यात्रा का उदेश्य प्राचीन भारत की संस्कृति और सभ्यता से भारत सहित पूरी दुनिया को परिचित कराना है और सदियों से चली आ रही कुम्भ परंपरा को दुनिया के सामने लाकर भारत का गौरव बढ़ाना है। बाद में यह कुम्भ संदेश यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हो गई। इस दौरान अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।