गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करेंगे: नरसिंहानंद गिरि

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हरिद्वार से शुरू होगी गांधी समाधि तक पदायात्रा
हरिद्वार।
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई की प्रतिक्षा में सर्वानन्द घाट पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि व स्वामी अमृतानंद गिरि ने हिमाचल धर्म संसद के मुख्य आयोजक योगी ज्ञाननाथ के आदेश पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिये गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करने का संकल्प लिया। दोनों पैरों के दिव्यांग संत योगी ज्ञाननाथ महाराज व प्रज्ञाचक्षु संत स्वामी कृष्णानंद के नेतृत्व में 27 फरवरी एक पदयात्रा सर्वानन्द घाट से गांधी की समाधि की ओर चलेगी जिसमें केवल पांच संत होंगे। इस पदयात्रा में किसी भी कार्यकर्ता को सम्मिलित नहीं किया जाएगा, क्योंकि अगर ज्यादा लोग यात्रा में सम्मिलित होंगे तो कहीं भी पुलिस जिहादियों से मिलकर राजनैतिक दवाब में पदयात्रियों पर कोई भी झूठा मुकदमा बना कर उनके लिये मुसीबत खड़ी कर सकती है। सन्तों ने यह निर्णय लिया है कि अब गांधी की विचारधारा से गांधीवादी तरीकों से ही संघर्ष करेंगे ताकि पुलिस प्रशासन को झूठे मुकदमे दर्ज करने का कोई अवसर न मिले।
पदयात्रा के विषय में यह तय किया गया कि 27 फरवरी को माँ बगलामुखी का यज्ञ करके 2 दिन तक पदयात्री हरिद्वार के सभी आश्रमो में जाएंगे और उसके बाद वो दिल्ली गांधी की समाधि के लिये चलेंगे।
पदयात्रा के विषय में बताते हुए योगी ज्ञाननाथ महाराज ने बताया कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी आज इस्लामिक जिहादियों के षड्यंत्र का शिकार हो गए हैं। हम उनकी रक्षा करने में सक्षम नहीं हैं पर उनके सम्मान के लिये लड़ते हुए मर तो सकते ही हैं। हम उनकी रिहाई तक गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करेंगे ताकि दुनिया को हमारी दुर्गति का पता तो चले।
इस अवसर पर स्वामी अमृतानंद ने कहा कि आज हिन्दुओ की इतनी दुर्गति हो चुकी है की प्रतिदिन कहीं ना कहीं किसी का किसी हिन्दू की इस्लाम के जिहादी हत्या कर देते हैं और हिन्दू महिलाओं को लव जिहाद करके बर्बाद कर देते हैं। फिर भी भारत के तथाकथित बुद्धिजीवी हिन्दुआंे को दोषी और इस्लाम के जिहादियों को मासूम घोषित कर देते हैं। आज स्थिति ये हो गयी है कि अगर मुस्लिम चोर भी कहीं मारा जाता है तो भारत का प्रधानमंत्री उसके लिये संसद में रोने लगता है और निर्दोष हिन्दुओं की हत्या पर कहीं कोई आवाज भी नहीं सुनाई देती। हिन्दुओं की इस दुर्दशा का असली दोषी गांधी है जिसके कारण आज सौ करोड़ हिन्दुओं के पास अपना देश कहने के लिये एक इंच भी जगह नहीं है। आज हम गांधी की विचारधारा से गांधी के तरीकों से ही संघर्ष करेंगे ताकि पुलिस प्रशासन को हम पर इस्लाम के जिहादियों और नेताओं के दबाव में झूठे मुकदमों में फसाने का अवसर ना मिले। पदयात्रा में यति रामानन्द सरस्वती व यति सत्यदेवानंद सरस्वती भी भाग लेंगे।

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