रुड़की। उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी के पूर्व अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) व अन्तर्राष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये नये बजट के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि नया बजट कोरोना काल में एक संतुलित बजट हैं। इसमें न किसी को अधिक लाभ न किसी को हानि हैं। लेकिन बुजुर्गो और किसानों के लिए कुछ अच्छी योजनाएं हैं, जो स्वागत योग्य हैं। परन्तु कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ न किया जाना भी अफसोस जनक हैं। यहां लोकतांत्रिक जनमोर्चा के रुड़की टॉकिज स्थित केंद्रीय कार्यालय पर चर्चा के दौरान मंगलौरी ने कहा कि इस बजट से लाभकारी परिणाम निकले, ऐसा सरकार को कुछ ओर कदम मार्च से पूर्व उठाने चाहिए। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए इसमें काफी सुझाव हैं। परन्तु निजीकरण को जरूरत से ज्यादा बढ़ावा देना भी चिंता का विषय है। लोजमो कार्यालय में आकश वर्मा, शिब्बू चाहर, भूपेन्द्र सिंह, अनिल त्यागी, नीरज धीमान आदि मौजूद रहे।