रुड़की। रुड़की के आवास विकास स्थित चर्चित डॉ. एनडी अरोड़ा के अस्पताल में हरियाणा के भिवानी की पीएनडीटी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आज छापेमारी की। इस दौरान दो दलालों को चिकित्सक अरोड़ा समेत टीम द्वारा हिरासत में लिया गया। आरोप है कि चिकित्सक अरोड़ा मोटी रकम लेकर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिंग परीक्षण कर रहे थे। कुछ वर्ष पूर्व भी ऐसे ही एक मामले में उनके यहां हरियाणा टीम द्वारा छापेमारी की गई थी, लेकिन तब अपने रसूख के चलते डॉ. अरोड़ा मुकदमा होने के बाद भी जेल जाने से बच गए थे।
टीम के नोडल अधिकारी डॉ. संगीता और डॉ. राजेश ने बताया कि लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि रुड़की के उक्त अस्पताल में लिंग की जांच की जाती है, तो उन्होंने इसके लिए टीम का गठन किया और एक महिला को अल्ट्रासाउंड के लिए तैयार किया। उनका संपर्क झज्जर हरियाणा निवासी यशपाल से हुआ। जिसने बताया कि वह रुड़की में लिंग की जांच करवा देगा। यशपाल ने मंगलौर निवासी संजय से संपर्क किया और दोनों के बीच सौदा तय होने के बाद महिला को रुड़की आवास विकास स्थित डॉ. अरोड़ा के क्लीनिक पर लाया गया, जहां 35 हजार रुपए में लिंग की जांच का सौदा तय हुआ था। महिला का जैसे ही अल्ट्रासाउंड हुआ, वैसे ही टीम ने उक्त क्लीनिक में छापेमारी कर दी। इस दौरान टीम ने पुलिस के साथ घेराबंदी कर दोनों दलालों समेत चिकित्सक को रंगे हाथ हिरासत में ले लिया। चिकित्सक एनडी अरोड़ा के पास से टीम को 10,000 रुपए नगद, संजय के पास से 14000 और यशपाल के पास से 11000 की रकम बरामद हुई। टीम द्वारा अल्ट्रासाउंड मशीनों को अपने कब्जे में लेने के साथ दोनों दलालों और चिकित्सक एनडी अरोड़ा को हिरासत में ले लिया गया। ज्ञात रहे कि डॉक्टर एनडी अरोड़ा पहले भी इस मामले में पकड़े गए थे, लेकिन तब एक अधिकारी की कृपा से वह जेल जाने से बच गए थे। एक बार फिर दूसरी बार इसी मामले में रंगे हाथ टीम द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया, लेकिन इस बार वह टीम को साथ ले जाने से नही रोक पाए।
स्वास्थ्य विभाग में एक के बाद एक बड़े माफियाओं के नाम सामने आने के साथ ही भ्रष्टाचार का खेल भी खुलता जा रहा है। अभी हाल ही में हरिद्वार की तत्कालीन सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी पर कोविड-19 में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगा था, जिसकी जांच भी तीन सदस्यीय टीम ने पूरी कर सभी आरोप सही पाए थे, लेकिन शासन में अभी तक यह रिपोर्ट सबमिट नहीं हो पाई, क्योंकि इसमें कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों का भी शामिल होना पाया गया है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य में एक ओर मामला सामने आया, जिसमें रुड़की के मंगलौर सामुदायिक केंद्र प्रभारी डॉ. एनडी अरोड़ा, जो कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रिटायरमेंट के बाद यहां कार्यरत हैं, को रविवार की सुबह हरियाणा भिवानी से आई एक संयुक्त टीम ने उन्हें दो दलालों के साथ उनके आवास विकास स्थित आवास पर लिंग परीक्षण करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और उन्हें लेकर वापस लौट गई। बताया गया है कि डॉक्टर एनडी अरोड़ा इससे पूर्व में सहारनपुर जिले के समय सिविल अस्पताल रुड़की में फर्जी मेडिकल बनाने में कुख्यात रहे हैं, इसके बाद जब वह प्रमोशन होकर शाहजहांपुर में सीएमएस बनकर पहुंचे, तो उनका एक डांस पार्टी आयोजन करने पर शासन ने सशपेंशन जारी कर दिया। इसके बाद भी डॉ. एनडी अरोड़ा ने अपने कार्य में तब्दीली की बजाय इसे और प्रगति दी। इसके बाद फर्जी मेडिकल ओर लिंग परीक्षण करना इनकी आदत बनता गया। जिसके चलते 2017 में भी हरियाणा और पंजाब की संयुक्त टीम ने डॉक्टर अरोड़ा को उनके आवास से लिंग परीक्षण करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, लेकिन वह पिफर छूटकर वापस अपने धंधे को अंजाम देने लग गये। इसमें बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर लिंग परीक्षण और फर्जी मैडिकल बनाने वाले माफिया डॉ. एनडी अरोड़ा को स्वास्थ्य विभाग ने मंगलौर कोतवाली में सामुदायिक केंद्र पर किस आधर पर नियुक्त कर दिया। ये ही नहीं इनके कई ऐसे कारनामे भी सामने आए जिसमें उन्होंने अपराधियों को अपने अस्पताल में शरण देकर मोटी रकम ली और पुलिस के कार्य में बाधा बने। कुल मिलाकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आमजन पर ही भारी पड़ रही है और ऐसे माफिया खुलेआम अपने गौरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि आखिर लिंग परीक्षण करने और फर्जी मेडिकल बनाने वाले माफिया डॉक्टर अरोड़ा पर कानूनी शिकंजा अब तक क्यों नहीं कसा गया। अगर ऐसा होता तो आज यह नौबत नहीं आती।