हरिद्वार। बुधवार को छह माह की निद्रा के बाद भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होंगे। इसी के साथ छह माह से सृष्टि की सत्ता चला रहे भगवान शिव के हाथों से सत्ता बुधवार से भगवान विष्णु के हाथों चली जाएगी। इस पर्व को देवोत्थान एकादशी व देव दीपावली के नाम से जाना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया की 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ भगवान विष्णु योग निद्रा में चले गए थे और सृष्टि की सत्ता भगवान शिव के हाथों में थी। 1 जुलाई से ही संन्यासियों को चातुर्मास आरम्भ हुआ था। उन्होंने बताया कि 148 दिनों के बाद भगवान विष्णु के हाथ में ब्रह्माण्ड की सत्ता बुधवार से आ जाएगी। भगवान शिव का शासन श्री विष्णु के हाथ आ जाएगा। यहीं से समस्त मुहूर्त का जागरण होगा। मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि हालंाकि गुरु के अतिचारी गति एवम शुक्र के अस्त होने के कारण ये मुहूर्त कम ही होंगे। पहाड़ में इसी को बूढ़ी दीवाली कहा जाता है। कहते हंै इसी दिन भगवान विष्णु पाताल से पृथ्वी पर आ जाते हैं, इसलिए लोग भी दीवाली मानते हैं। समस्त देव भगवान विष्णु के आवागमन को लेकर कार्तिक पूर्णिमा को दीवाली मानते हैं जिसे देव दीवाली भी कहा जाता है। कहते हंै इस दिन विष्णुु सहित लक्ष्मी जी का पूजन करने से लक्ष्मी कभी नहीं जाती।