हरिद्वार। बैरागी क्षेत्र में प्रशासन द्वारा बैरागी संतों के तीनों अखाड़े निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर की स्थापित चरण पादुका को अतिक्रमण के नाम पर हटाने का नोटिस देने पर संतों में उबाल आ गया है। नोटिस मिलने से आगबबूला हुए संतों ने कुंभ स्नान पर्व के वहिष्कार तक की धमकी दी है। हरिद्वार के बैरागी क्षेत्र में तीनों अखाड़ों के संतांे ने रविवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहाकि बैरागी संतों को नोटिस देना संतों का अपमान है। इसके साथ ही उन्होंने मेला प्रशासन से दी जाने वाली सभी सुविधाओं के बहिष्कार की घोषणा की। इस मौके पर महंत धर्मदास महाराज, महंत राजेंद्रदास सहित अन्य संतों ने कहाकि आदिकाल से बैरागी कैंप बैरागी अखाड़ों के लिए आरक्षित रहा है। इस जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जे कर लिए हैं। प्रशासन भूमाफिया द्वारा कुंभ मेले की जमीन पर किए गए कब्जे को हटाने की बजाएं हमारी चरण पादुका को अतिक्रमण के नाम पर हटाने का नोटिस भेज रहा है। जिसके विरोध में उन्होंने मेला प्रशासन से मिलने वाली सभी सुविधाओं के बहिष्कार की घोषणा की। उन्होंने कुंभ मेले में सरकार द्वारा प्रत्येक अखाड़े को दिए जा रही 1-1 करोड़ की धनराशि से बैरागी क्षेत्र में अखाड़ों का स्थाई निर्माण करने की भी मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो जरूरत पड़ने पर कुम्भ मेले का भी बहिष्कार किया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने अखाड़ा परिषद की कार्यशैली के प्रति भी अपना रोष व्यक्त किया है। विदित हो कि विगत कुंभ 2010 में बैरागी संतों ने शासन द्वारा छावनी के लिए दी गयी मेला भूमि पर पक्के निर्माण कर दिए थे। इसको लेकर पूर्व में भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी। प्रशासन ने कुछ अतिक्रमण को हटा दिया था, किन्तु मंदिरों को नहीं तोड़ा गया था। अब प्रशासन द्वारा नोटिस दिए जाने पर बैरागी संतों में उबाल है।