हरिद्वार। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चैहान का कहना है कि भारत भविष्य की चुनौती को अवसर में बदलने तथा वैश्विक मंच पर युवाओं का सिरमोर देश है, जहां 65 फीसदी आबादी युवाओं की है। उन्होंने कहाकि किसी भी देश के बेहतर वर्तमान एवं भविष्य की कल्पना युवाओं की संख्या के बल पर आंकलित की जा सकती है। डॉ. शिवकुमार वर्तमान एवं भविष्य की चुनौती में भारत की तैयारी विषय पर उत्तराखंड के रूद्रपुर मे ंभारत जागृति मिशन के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे थे।
उन्होने कहाकि किसी भी देश की शक्ति वहां के नागरिकों की कार्य कुशलता पर निर्भर करती है और कार्य कुशलता के लिए युवा होना जरूरी है। इसलिए जिन देशों में रहने वाले नागरिकों का बडा भाग युवा आयु वर्ग से संबंधित होगा उस देश के वर्तमान को देखते हुए बेहतर भविष्य की कल्पना की जा सकती है। वहां चुनौतियों के माध्यम से अवसर तलाशे जाने की संभावना बनी रहती है। इसके विपरीत अपेक्षाकृत कम अथवा अधिक कम युवाओं की संख्या वाले देशों में पर्याप्त संसाधन एवं मुद्रा कोष होने पर भी चुनौतियां बनी रहती है। डॉ. शिवकुमार चैहान ने कहाकि चुनौतियों का सामना करने के लिए व्यक्ति में जुनून एवं हौसला होना सबसे अहम होता है। जिसके आभाव में बडी से बडी कार्य योजना भी धराशायी हो जाती है। वेबिनार के माध्यम से कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन भारत जागृति मिशन के महामंत्री डॉत्र आलोक कुमार द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम मे विभिन्न राज्यों के शिक्षाविद्व, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी एवं राजनीति एवं अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों ने भी प्रतिभाग किया।