प्रतियोगिता में कनुप्रिया, आंकाक्षा व अफरोज रहे प्रथम
हरिद्वार। एसएमजेएन. पी.जी. कॉलेज में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए विज्ञान के गत 100 वर्षों की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से प्रगतिशील विज्ञान ने हम सभी का जीवन सरल बनाया है। डॉ बत्रा ने बताया कि विज्ञान के अनुसंधानों का प्रयोग मानवता के सतत् विकास एवं पर्यावरण के अनुकूल किया जाना चाहिए। सतत् विकास की अवधारणा आधारित आविष्कारों का प्रयोग हीं मानव जाति के लिए वरदान साबित हो सकता है। डॉ बत्रा ने कहा कि पालिथीन के दुरुपयोग से सम्पूर्ण विश्व त्रस्त है। इसके साथ ही उन्होंने विज्ञान के दुरूपयोग से उत्पन्न हो रही पर्यावरणीय समस्याओं को भी समझाया तथा पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान पर भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के तकनीकि सत्र में एक वृत्तचित्र भी दिखायी गयी जिसमें प्रदूषण व उसके समाधान को वैज्ञानिक तरीकों से समझाया गया। कार्यक्रम के अगले क्रम में जल संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन आदि ज्वलन्त विषयों पर पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के अनेक छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।
प्रतियोगिता में कनुप्रिया, आंकाक्षा व अफरोज जहां ने प्रथम, सूरत सती, जसवंत, दीपराज व मनु काजला ने द्वितीय तथा सलोनी दास व नवनीत कौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। दलजीत कौर व ऋषि रावत को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दीक्षा वर्मा को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. मनोज कुमार सोही, डॉ. प्रज्ञा जोशी, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डॉ. पदमावती तनेजा, विनीत सक्सेना, नेहा गुप्ता, नेहा सिद्दकी, दीपिका आनन्द, पुनीता शर्मा, स्वाति चोपड़ा, पंकज यादव, डॉ. निविन्धया शर्मा, डॉ. अमिता मल्होत्रा, कंचन तनेजा, रिचा मनोचा, कु. सुगन्धा वर्मा, साक्षी अग्रवाल, डॉ. रीतू चौधरी, रिंकल गोयल, प्रीति लखेड़ा, रचना राणा, प्रिंस श्रोत्रिय, योगेश कुमार रवि आदि मौजूद रहे।