संविधान एक किताब नहीं, राष्ट्र का जीवन दर्शनः डॉ. बत्रा

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हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कॉलेज हरिद्वार में संविधान दिवस के अवसर पर एक बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील बत्रा द्वारा संविधान के द्वारा प्रदत मौलिक अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने संविधान की प्रस्तावना को बताया। उन्होंने बताया कि हरिद्वार निवासी पंडित हीरा बल्लभ त्रिपाठी प्रथम लोकसभा सांसद एवं संविधान सभा के सदस्य रहे थे। हरिद्वार में महारत्न कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। उन्होंने कहा कि संविधान का प्रकाशन देहरादून में हुआ था एवं भारतीय संविधान हाथ से लिख कर हिंदी अंग्रेजी भाषा में कैलिग्राफ किया गया था, इसे टाइप या प्रिंटिंग नहीं किया गया। इस अवसर पर पंडित हीरा वल्लभ त्रिपाठी के योगदान को स्मरण करते हुए उनके योगदान को सराहा।
डॉ. बत्रा ने संविधान एक किताब नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र का जीवन दर्शन है। उन्होंने मौलिक अधिकारों पर चर्चा करते हुए कहा की मौलिक अधिकार निर्बाध नहीं है, तथा उन पर राज्य युक्तियुक्त नियंत्रण एवं प्रतिबंध लगा सकता है। भारतीय संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। इसमें राज्य की शक्ति एवं नागरिकों के अधिकारों के मध्य एक अनोखा संतुलन स्थापित किया गया है। उन्होंने कहाकि मौलिक अधिकार और संविधान वह ढांचा है जो मनुष्य को विकास और सुरक्षा प्रदान करता है। विधानसभा अपनी मेजॉरिटी के समय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन ना कर पाए इसलिए मौलिक अधिकारों की सुरक्षा का जिम्मा न्यायपालिका को दिया गया है। डा. बत्रा ने कहाकि देश का सर्वोच्च कानून संविधान है और इसकी रक्षा की जिम्मेदारी सर्वोच्च न्यायालय की है। विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रेस की आजादी पर डॉ. बत्रा ने कहा कि संविधान में प्रत्येक नागरिक को अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं प्रेस को अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की आजादी है। मौलिक अधिकारों के बारे में चर्चा करते हुए डॉ बत्रा ने अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 32 तक विस्तार से बताया। इस अवसर पर मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. सरस्वती पाठक, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. संजय माहेश्वरी, सुषमा नयाल, डॉ. नलिनी जैन, विनय थपलियाल, डॉ. जेसी आर्य, डॉ. मनमोहन गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर दिव्यांश शर्मा, अंकित अग्रवाल, वैभव बत्रा, डॉ. पंकज यादव, डॉ. पद्मावती तनेजा, नेहा गुप्ता, विनीत सक्सेना, डॉ. शिव कुमार चैहान, डॉ. विनिता चैहान, रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, डॉ. कुसुम नेगी, सुगंधा वर्मा, अश्वनी जगता, एमसी पांडे आदि उपस्थित थे।

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