देहरादून/संवाददाता
एसटीएफ उत्तराखंड की टीम ने धारा 302 में कोतवाली हरिद्वार से 5 हजार के ईनामी अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उक्त ईनामी विगत पाँच वर्ष से अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में फरार चल रहा था।
उत्तराखण्ड स्पेशल टास्क फोर्स को सूचना मिली कि, जनपद हरिद्वार का एक ईनामी अपराधी विश्वजीत मलिक उर्फ राजू पुत्र दयाल मणि निवासी 03 नम्बर जेल कैम्प सितारगंज जनपद उधमसिंहनगर, जो 25 नवम्बर 2015 को अपनी पत्नी की हत्या करके फरार हो गया था, तथा जिसकी गिरफ्तारी पर 5000/- रूपये का ईनाम घोषित था, वह उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कही छिपा हुआ है। सूचना पर एसटीएफ कुमायॅू यूनिट के निरीक्षक एम.पी. सिंह के नेतृत्तव में एसटीएफ उत्तराखण्ड एवं हरिद्वार पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। उक्त टीम में शामिल कुमायॅू एसटीएफ यूनिट के आरक्षी किशोर कुमार एव आरक्षी महेन्द्र गिरी द्वारा विगत 10 दिनों से उपरोक्त फरार अभियुक्त की तलाश हेतु गोपनीय रुप से कार्य किया जा रहा था, सूचना मिलने पर, कि उपरोक्त फरार अभियुक्त कानपुर के थाना रसूलाबाद क्षेत्र में छिपा हुआ है, पर कार्यवाही करते हुए शुक्रवार को उक्त फरार अपराधी को महेन्द्र नगर, ग्राम रसूलाबाद, थाना रसूलाबाद, कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में ईनामी ने बताया कि उसके अपनी पत्नी से पारिवारिक सम्बन्ध अच्छे नहीं थे, उसकी पत्नी छोटी-छोटी बातों पर उससे लड़ाई-झगड़ा करती रहती थी, जिससे परेशान होकर उसने 25-11-2015 को अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी और फरार हो गया था। तब से वह पुलिस से बचने के लिए उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के अलग-अलग स्थानों पर छिपता फिर रहा था। अभियुक्त ने यह भी बताया कि वर्ष 1993-94 में जब वह 13-14 साल का था, उस समय उसके द्वारा अपने बड़े भाई गोपाल मलिक की हत्या की गई थी, जिसके सम्बन्ध में थाना सितारगंज, उधमसिंहनगर पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर बाल गृह हल्द्वानी में भेजा गया था, जहा से 6 महीने बाद वह छूट गया था। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसटीएफ के उप निरीक्षक बृज भूषण गुरूरानी, आरक्षी किशोर कुमार, महेन्द्र गिरी, मनमोहन सिंह, गोबिन्द सिंह विष्ट तथा हरिद्वार पुलिस के एसआई पवन डिमरी, आरक्षी दीपक गौड़, राजेश सिंह शामिल रहे।