हरिद्वार। प्रत्येक माह पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र में ऋषिकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय में शून्य से 16 वर्ष में बच्चों के शरीरिक वप मानसिक विकास के लिए पिलायी जाने वाली सुवर्णप्राशन दवा की शनिवार को खुराक पिलायी गयी। शिविर में सुर्वणप्राशन दवा पीने वालों की संख्या 225 रही।
बालरोग विशेषज्ञ डा. रीना पाण्डेय ने बताया कि सुवर्ण प्राशन शिविर का आयोजन इस माह भी किया गया। जिसमें हरिद्वार एवं अन्य क्षेत्रों से आकर अभिवावकों ने अपने बच्चों एवं शिशुओं को आयुर्वेद की आयुष्मान औषधि सुवर्ण प्राशन की खुराक का सेवन कराया। जिसमें 225 शिशुओं और बच्चों को सुवर्णप्राशन औषधि पिलाई गई। बतायाकि सुवर्णप्राशन औषधि सुवर्ण, वचा, शंखपुष्पी, गोघृत एवं शहद आदि के मिश्रण से विशेष विधि से तैयार की जाती है। जन्म से लेकर सोलह वर्ष तक के बच्चों को प्रति दिन या नक्षत्र विशेष में दिया जाता है, जो शिशु एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती है। यह शिविर ऋषिकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय के बालरोग विभाग द्वारा दो वर्ष से लगातार प्रत्येक माह के पुष्प नक्षत्र में आयोजित किया जा रहा है। बालरोग विशेषज्ञा डॉक्टर रीना पाण्डेय ने बताया कि जो अभिवावक नियमित रूप से अपने बच्चों को इसका सेवन करा रहे हैं, उनका वृद्धि एवं विकास बहुत ही अच्छा हो रहा है। साथ ही उन बच्चों में मौसम परिवर्तन से होने वाले रोगों में भी कभी देखने को मिल रही है।