हरिद्वार। इंसान अगर कोई संकल्प कर ले तो किसी प्रकार की अड़चन भी उनके इरादे को डिगा नही सकती। ऐसे ही बुलंद हौसले के साथ प्रकृति की सेवा में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक लाख वृक्षों को लगाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे है। गढ़वाल के विभिन्न जनपदों में पौंधे लगाने के बाद रूड़की से हरिद्वार तक 10 हजार पौंधारोपण का कार्य आज किया गया। मूसलाधार बारिश के बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने संकल्प को पूरा करने में जुटे है। इस दौरान भाजपा के तमाम कार्यकर्ता और समाजसेवी संगठनों के युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुहिम में सहभागिता निभाई। कोर कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के चौयरमेन जेसी जैन और उनके सुपुत्र श्रेयांश जैन मनोभाव के साथ पौंधारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्य करते दिखाई दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 10 हजार पौंधों को रोपण किया जा रहा है। जिसमें पीपल और बरगद के वृक्ष है। कुछ वृक्ष नीम के है। जिनका व्यापक स्तर पर रोपण कार्य गंगनहर के किनारे किया जा रहा है। रूड़की से हरिद्वार की तरफ 12 किलोमीटर की दूरी तक वृक्षारोपण होगा। गढ़वाल के सभी जिलों में कमोवेश पेड़ लगाए गए है। घाटियों में ही पौंधों को लगाया जा रहा है। हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून तराई के इलाकों में सघन वृक्षारोपण हुआ है। पौंड़ी के कोटद्धार में 60 से 70 हजार पौंधे लगाए जा चुके है। समाजसेवी संगठन और वन विभाग की टीम काफी सहयोग कर रही है। प्रकृति प्रेमी भी हमारे साथ जुड़े है। यून की संस्था की रिपोर्ट में बताया कि पोस्ट कोविड के प्रभाव के बारे में साफ बताया गया है। कृषि प्रभावित होगी,पर्यावरण में किस प्रकार का प्रभाव रहेगा। भूखमरी पर जिक्र किया है। बच्चों पर कुप्रभाव का भी जिक्र है। करीब आठ करोड़ तक के लोगों की मृत्यु भुखमरी के कारण हो सकती है। आम नागरिक होने के नाते अपने उत्तरादायित्व को निभाने का प्रयास है। ताकि आक्सीजन की पर्याप्त पूर्ति हो सके। इसीलिए पीपल और बरगद के पेड़ लगाए जा रहे है। ताकि आने वाले कुछ समय में ही एक घना जंगल तैयार हो जायेगा। जनता में जागृति देखने को मिलेगी। हरेला का पर्व अब सामाजिक स्वरूप लेने लगा है।
अपने व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह सामाजिक नागरिक है। राजनीति में तो बाद में कदम रखा। एक सामान्य नागरिक होने के नाते हमको हर चीज के लिए सरकार की ओर नही देखना चाहिए। हमको सामाजिक स्तर पर प्रयास करने चाहिए। सरकार की निश्चित प्रक्रिया के तहत गुजरना पड़ता है। सामाजिक प्रयासों से कार्य करने चाहिए। रक्तदान और वृक्षारोपण की मुहिम का आहृवान मेरा सामाजिक प्रयास है। इसको राजनीति के नजरिए ना देखते हुए समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी के रूप में समझा जाए। दल विशेष की बात नही है। सभी दलों को प्रकृति की रक्षा के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
बताते चले कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वृक्षारोपण की इस मुहिम को सफल बनाने के लिए यूपी, मध्य प्रदेश और कोलकत्ता से पौंधो को जुटाया है। उनकी इस मुहिम के आने वाले दिनों में सकारात्मक परिणाम भी दिखाई देंगे। लेकिन प्रकृति प्रेम के प्रति उनकी भावना युवाओं को प्रेरित करती है। युवाओं को उत्तराखंड में घनघोर जंगल दिखाई देंगे। जिससे आक्सीजन की पूर्ति होगी।