कुंभ फर्जी कोरोना टेस्टिंग मामलाः आरोपियों को नहीं मिली जमानत

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग के फर्जीवाड़े में आरोपी मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मलिका पंत की तरफ से दायर जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से एक सप्ताह में प्रतिशपथ पत्र पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मार्च की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार शरद पंत व मलिका पंत ने जमानत प्रार्थना पत्र दायर कर कहा है कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था उसे अपनी मंजूरी दे दी। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए। 2021 को एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबों द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया जा रहा है। जबकि उनके द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने के लिए कोई रजिस्ट्रेशन व सैंपल नहीं दिया गया।

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