बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। बिना किसी भय के शहर की सड़कों पर नाबालिक बच्चे बेखौफ होकर वाहनों को दौड़ा रहे है। इनमें भी ज्यादातर स्कूली बच्चे है। हालांकि इस पर सख्ती बरतने के लिए यातायात पुलिस चैकिंग भी करती है मगर फिर ये बच निकल जाते है।
यातायात नियमों के मुताबिक 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाना वर्जित है। बावजूद इसके शहर की सड़कों पर खुलेआम बेखौफ होकर नाबालिक बच्चे वाहनों को दौड़ा रहे है। चाहे घरेलू काम हो अथवा स्कूल जाना हो कई नाबालिक बच्चे खुद वाहन चलाकर जाना पसंद करते है और इनकी पसंद व मर्जी में इनके परिजनों की भी सहमति होती है। यातायात कानून के मुताबिक नाबालिक के द्वारा वाहन चलाते पकड़े जाने पर बच्चे के पिता को भी सजा है, साथ ही भारी भरकम जुर्माना भी अदा करना होता है। मगर इन सबकी परवाह लिए बिना ज्यादातर परिजन अपने बच्चो को खुशी खुशी वाहन चलाने की इजाजत दे देते है।
स्कूल समय में भी दिखते है केस
नाबालिक के वाहन चलाने के मामले स्कूलों में भी दिखाई देते है। स्कूल लगने के समय घर से निकलने में देरी पर यही नाबालिक अपने वाहनों को स्पीड में भी दौड़ाते नजर आ जाएंगे। ज्वालापुर रेल चौकी क्षेत्र में पड़ने वाले एक नामी निजी स्कूल में तो सबसे ज्यादा नाबालिक बच्चे खुद वाहन चलाकर आते है,जिनमे स्कूटी से लेकर बुलेट तक पर बच्चे आते है।
आज बुधवार इसी स्कूल के एक छात्र को जो बुलेट चलाकर स्कूल जा रहा था पीछा करते हुए यातायात पुलिस कर्मियों ने स्कूल के बाहर पकड़ा,तभी स्कूल के दो शिक्षक भी वहा पहुंच गए। हालांकि स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षा के चलते उसे शिक्षको के कहने पर पुलिसकर्मियों ने हिदायत देते हुए छोड़ दिया। लेकिन ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई छात्र,छात्राएं है जो खुद वाहन चलाकर आते हैं। अब ऐसे में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी इनके परिजनों की होती है कि वह अपने नाबालिक बच्चो के हाथ में वाहन ना दें।