गुरुकुल महाविद्यालय विवाद विधायक ने अपनी ही सरकार के मंत्री को लपेटा, सीबीआई जांच की मांग

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हरिद्वार। गुरुकुल महाविद्यालय की सम्पत्ति पर कब्जे को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के कई क्षेत्रों से आए आर्य समाज के बड़े संतों ने स्वामी यतीश्वरानंद पर अपनो विश्वास जताते हुए उन्हें की सभा का मंत्री मानते हुए मामले की सीबीआई व अन्य एजेसियों से जांच की मांग की है। संतों ने कहाकि इसके संबंध में वे शीघ्र ही केन्द्रीय गृहमंत्री, व रक्षा मंत्री तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मामले से अवगत कराएंगे। यदि फिर भी हल नहीं निकलता है तो वे सत्याग्रह करने को बाध्य होंगे, किन्तु महाविद्यालय की एक इंच भूमि को भी खुर्दबुर्द नहीं होने देंगे।
शुक्रवार को प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सार्वदेशिक आर्य समाज के प्रधान यति यज्ञ मुनि महाराज ने कहाकि गुरुकुल महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। महाविद्यालय की भूमि को स्वामी दर्शनानंद महाराज को दान में दिया गया था। उन्होंने कहाकि महाविद्यालय की भूमि को कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आर्य समाज के लोग महाविद्यालय की एक इंच भूमि भी खुर्दबुर्द नहीं होने देंगे। उन्होंने कहाकि छावृत्ति घोटाले का आरोपी अनिल गोयल जो फर्जी तरीके से संस्था का मंत्री बना हुआ है, उसे जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था, किन्तु वह आज खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने कहाकि महाविद्यालय की भूमि को बचाने के लिए शीघ्र ही संतों का एक प्रतिनिधिमण्डल गृहमंत्री व रक्षा मंत्री से मुलाकात करेगा। यदि जरूरत पड़ी तो पीएम से मिलकर भी अपनी पीड़ा को व्यक्त किया जाएगा। कहाकि देहरादून जाकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भी संत मिलेंगे। यदि फिर भी न्याय नहीं मिलता है तो वे सत्याग्रह करने को बाध्य होंगे। उन्होंने मामले का पटाक्षेप करने के लिए किसी भी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की। हरिद्वार ग्रामीण सीट से भाजपा के विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने अपनी ही पार्टी के मंत्री मदन कौशिक पर फिर से महाविद्यालय की सम्पत्ति को हड़पने के प्रयास करने का आरोप लगाया। कहाकि आर्य समाज की संस्था में नियम के मुताबिक वही व्यक्ति सदस्य या पदाधिकारी बन सकता है, जो आर्य समाज से जुड़ा हो। किन्तु मंत्री मदन कौशिक को आर्य समाज का एक भी नियम मालू नहीं है। फिर वे कैसे संस्था के किसी पद पर रह सकते हैं। उन्होंने कहाकि मामला न्यायालय के विचाराधीन है और न्यायालय ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए है। ऐसे में कब्जे का प्रयास न्यायालय की अवमानना है। उन्होंने कहाकि सरकार को सत्य का पता लगाने के लिए किसी भी एजेंसी से जांच करानी चाहिए। विधायक ने कहाकि देश का समूचा आर्य समाज महाविद्यालय की भूमि को बचाने के लिए एकजुट है और इसे किसी भी कीमत पर खुर्दबुर्द नहीं होने दिया जाएगा। प्रेसवार्ता मंे स्वामी सुचेतानंद, स्वामी शिवानंद सरस्वती, मेनपाल आर्य, आचार्य बलवंत सिंह, जगपाल आर्य, यश्वीर सिंह आर्य आदि मौजूद थे।

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