हरिद्वार। गंगा सप्तमी के मौके पर श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े में कड़ी पकौड़ा भण्डारे के साथ ही कुम्भ पर्व के लिए स्थापित धर्मध्वजा पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उतारी गयी। दुःखहरण हनुमान मन्दिर बिड़ला घाट स्थित धर्म ध्वजा उतारने से पूर्व धर्मध्वजा की, गंगासप्तमी के मौके पर गंगा जी की तथा उत्तराखण्ड व नगर के सभी देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की गयी। भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने पर गंगा तट से मानस पूजा-अर्चना कर धर्मध्वजा की तनी रस्सी को ढीली कर अखाड़े की परम्परानुसार उतारी गई। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना की गयी तथा महामारी से लोगांे को बचाने की कामना की गई। इसके साथ ही कुम्भ पर्व का विधिवत पूर्ण समापन हो गया। इसके साथ ही परम्परानुसार रमता पंचों को यहां से खेड़ामढ़ी बरेली के लिए रवाना कर दिया गया। पंच परमेश्वर चारों मढ़ियों के रमता पंच श्रीमहंत निरंजन भारती, चार मढ़ी, श्रीमहंत रामचन्द्र गिरि चैदह मढ़ी, श्रीमहंत शांता नंद गिरि तेरह मढ़ी तथा श्रीमहंत दूज गिरि सोलह मढ़ी के नेतृत्व में लाव लश्कर व माल असवाल के साथ दोपहर बाद शुभमूर्हत में कूच कर गए। मंगलवार को श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े में गंगासप्तमी के मौके पर कुम्भ पर्व के लिए स्थापित धर्म ध्वजा को उतारने से पहले पूजा अर्चना की गयी। अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंदनंद महाराज ने श्री आनंद भैरव मन्दिर, महामाया अधिष्ठात्री देवी मायादेवी मन्दिर में पूजा-अर्चना के बाद अखाड़े के अधिष्ठात्रा श्री दत्तात्रेय भगवान की पूजा अर्चना की। इस दौरान कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए कड़ी पकौड़ा का सामूहिक भण्डारा आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में साधु संतांे ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौर में पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने वंचित, शोषित, अधिकार से वंचित वर्ग को बराबर का दर्जा देते हुए आगे लाने का कार्य किया है। इसका उदाहरण किन्नर अखाड़े को सम्मान दिलाना है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा प्राणीमात्र के कल्याण की सोचता है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा के संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, अखाड़ा के सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज निरन्तर प्राणी के कल्याण और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में समर्पित है। उन्होंने कहा कि जूना अखाड़ा एकमात्र धार्मिक संगठन है जो प्राणी कल्याण के साथ साथ प्रकृति के संरक्षण का कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस मौके पर श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि हर कुम्भ पर्व का समापन गंगा सप्तमी के मौके पर होता है। इसी परम्परा के निर्मित मंगलवार को कुम्भ पर्व का विधिवत समापन करते हुए धर्म ध्वजा उतार ली गयी है और रमता पंचों को देश भ्रमण के लिए रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ पर्व वैश्विक महामारी के काल में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच सम्पन्न हुआ है, लेकिन सकुशल समापन निश्चित ही देश, समाज के लिए कल्याणकारी होगा। कहा कि शीघ्र ही कोरोना वायरस से निजात मिलेगा। इस कामना केा लेकर निरन्तर अनुष्ठान जारी है। सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने कुम्भ पर्व के विधिवत सम्पन्न होने व गंगा सप्तमी के मौके पर सभी को शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व श्रीआनंद भैरव मन्दिर परिसर में आचार्य महामंण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का थानापति नीलकंठ गिरि ने शाॅल ओढाकर और माला अर्पित कर आशीर्वाद लिया। धर्म ध्वजा को उतारे जाने के दौरान पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि, श्रीमहंत उमाशंकर भारती, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, अन्र्तराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि, वरिष्ठ महामंत्री श्रीमहंत केदारपुरी, थानापति नीलकंठ गिरि, लालभारती, विवेकपुरी, रकता पुरी, राजेन्द्र गिरि, रणधीर गिरि, आजाद गिरि, पुजारी श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती, निर्माण मंत्री श्रीमहंत शैलजा गिरि आदि मौजूद रहे।